विद्युत्-चुम्बकीय कुंडली

एक विदुयत वस्तु

विद्युच्चुम्बकीय कुण्डली एक वैद्युतिक संवाहक होता है जैसे कुण्डली (सर्पिल या हेलिक्स) के आकार में तार।[1][2] विद्युच्चुम्बकीय कुण्डलियों का उपयोग वैद्युतिक अभियान्त्रिकी में किया जाता है, उन अनुप्रयोगों में जहाँ वैद्युतिक मोटरों, जनित्रों, प्रेरक, विद्युच्चुम्बक, ट्राँसफार्मर और संवेदी कुण्डलियों जैसे उपकरणों में वैद्युतिक धाराएँ चुम्बकीय क्षेत्रों के साथ अन्योन्यक्रिया करती हैं। या तो एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए कुण्डली के तार के माध्यम से वैद्युतिक प्रवाह पारित किया जाता है, या इसके विपरीत, कुण्डली के अन्तर्भाग के माध्यम से बाह्य समय-भिन्न चुम्बकीय क्षेत्र संवाहक में एक विद्युद्वाहक बल (विभवान्तर) उत्पन्न करता है।

इलेक्ट्रॉनिकी में उपयोग आने वाले कुछ प्रेरकत्व
मकड़ी के जाल जैसी कुंडली
प्लेनर कोर और कुंडली

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Stauffer, H. Brooke (2005). NFPA's Pocket Dictionary of Electrical Terms (अंग्रेज़ी में). Jones & Bartlett Learning. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-87765-599-2.
  2. Laplante, Phillip A. (1999-01-01). Comprehensive Dictionary of Electrical Engineering (अंग्रेज़ी में). Springer Science & Business Media. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-3-540-64835-2.

इन्हें भी देखें संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें