सुबुक तिगिन (फ़ारसी - ابو منصور سبکتگین, अबु मंसूर सबक़तग़िन) ख़ोरासान के ग़ज़नवी साम्राज्य के स्थापक थे और भारत पर अपने छापों के लिए प्रसिद्ध महमूद ग़ज़नवी के पिता। अल्प तिगिन, सामानी साम्राज्य के एक सूबेदार थे जो ख़ोरासान (उत्तरी अफ़गानिस्तान, पूर्वोत्तर ईरान और सटा हुआ मध्य-एशिया) के शासक के रूप में काम करते थे। सुबुकतिगिन उनके ग़ुलाम थे। जब अल्प तिगिन ने सामानी शासकों के ख़िलाफ़ विद्रोह किया तब उन्होंने सुबुकतिगिन को ग़ज़नी का प्रभारी बना दिया और अपनी बेटी की शादी उनसे कर दी। सुबुकतिगिन ने अलप्तिगिन के दो परवर्ती शासकों के अन्दर भी एक ग़ुलाम के रूप में शासन का कार्यभार देखा और सन् 977 में ये ग़ज़नी के अमीर बने। सन् 997 में इनकी मृत्यु के बाद इनके छोटे बेटे ईस्माईल शासक बने पर उनके बड़े भाई महमूद ने उनके ख़िलाफ़ विद्रोह कर दिया और ख़ुद ग़ज़नी के सुल्तान बन बैठे।