सरल रेखा गणित में शून्य चौड़ाई वाला अनन्त लम्बाई वाला एक आदर्श वक्र होता है, यूक्लिडीय ज्यामिति (Euclidean Geometry) के अन्तर्गत दो बिन्दुओं से होकर एक और केवल एक ही रेखा जा सकती है। एक सरल रेखा दो बिदुओं के बीच की लघतुत्तम दूरी प्रदर्शित करती है। सरल रेखा बिन्दुओं का सरलतम बिन्दुपथ होता है।
तीन रेखाओं के समीकरण तथा ग्राफ : लाल रेखा तथा नीली रेखा परस्पर समानान्तर हैं। किसी द्वी-विमीय समतल पर दो सरल रेखाएं या तो समानान्तर होंगी अथवा प्रतिछेदी। इसी प्रकार त्रिविम में दो रेखाएं परस्पर समानान्तर, प्रतिछेदी या skew (न प्रतिछेदी न ही समानान्तर) हो सकती हैं।
विभिन्न पद्धतियों में सरल रेखा
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एक ही सरल रेखा को तीन अलग-अलग रूपों वाले समीकरणों से निरूपित किया गया है:y = k x + b , x a + y b = 1 {\displaystyle \scriptstyle {y=kx+b,\;{\frac {x}{a}}+{\frac {y}{b}}=1}} तथा x cos θ + y sin θ − p = 0 {\displaystyle \scriptstyle {x\cos \theta +y\sin \theta -p=0}} .
बिन्दु P 0 ( x 0 | y 0 ) {\displaystyle P_{0}(x_{0}|y_{0})} से जाने वाली तथा x-अक्ष से α {\displaystyle \alpha } कोण बनाने वाली रेखा का समीकरण: y = y 0 + tan ( α ) ⋅ ( x − x 0 ) {\displaystyle y=y_{0}+\tan(\alpha )\cdot (x-x_{0})} उपरोक्त समीकरण को निम्नलिखित ढंग से भी लिख सकते हैं (m को रेखा की प्रवणता (स्लोप) कहते हैं)। y = y 0 + m ⋅ ( x − x 0 ) {\displaystyle y=y_{0}+m\cdot (x-x_{0})} उदाहरण बिन्दु A = ( − 5 , 3 ) {\displaystyle A=(-5,3)} से होकर जाने वाली सरल रेखा जिसकी प्रवणता m = 2 {\displaystyle m=2} है:
y − y 0 = m ( x − x 0 ) {\displaystyle y-y_{0}=m(x-x_{0})\!} y − 3 = 2 ( x − ( − 5 ) ) {\displaystyle y-3=2(x-(-5))\!} y − 3 = 2 ( x + 5 ) {\displaystyle y-3=2(x+5)\!} y − 3 = 2 x + 10 {\displaystyle y-3=2x+10\!} y − 2 x − 3 − 10 = 0 {\displaystyle y-2x-3-10=0\!} y − 2 x − 13 = 0 {\displaystyle y-2x-13=0\!}
दो बिन्दुओं P 1 ( x 1 | y 1 ) {\displaystyle P_{1}(x_{1}|y_{1})} तथा P 2 ( x 2 | y 2 ) {\displaystyle P_{2}(x_{2}|y_{2})} जे होकर जाने वाली रेखा का समीकरण (x 1 ≠ x 2 {\displaystyle x_{1}\neq x_{2}} ): y = y 1 + y 2 − y 1 x 2 − x 1 ⋅ ( x − x 1 ) {\displaystyle y=y_{1}+{\frac {y_{2}-y_{1}}{x_{2}-x_{1}}}\cdot (x-x_{1})} इसी को इस प्रकार भी लिख सकते हैं-
y = y 1 x − x 2 x 1 − x 2 + y 2 x − x 1 x 2 − x 1 {\displaystyle y=y_{1}{\frac {x-x_{2}}{x_{1}-x_{2}}}+y_{2}{\frac {x-x_{1}}{x_{2}-x_{1}}}} इसी को सारणिक (डिटर्मिनैन्ट) के रूप में निम्नलिखित प्रकार से लिखा जा सकता है-
| x y 1 x 1 y 1 1 x 2 y 2 1 | = 0 {\displaystyle {\begin{vmatrix}x&y&1\\x_{1}&y_{1}&1\\x_{2}&y_{2}&1\end{vmatrix}}=0} यदि कोई रेखा x अक्ष पर a {\displaystyle a} y-अक्ष पर b {\displaystyle b} खण्ड काटती है तो उसका समीकरण- x a + y b = 1 {\displaystyle {\frac {x}{a}}+{\frac {y}{b}}=1\!} .सरल रेखा का सामान्य समीकरण (general equation): A x + B y + C = 0 {\displaystyle Ax+By+C=0\!} जहाँ A , B , C ∈ R {\displaystyle A,B,C\in \mathbb {R} \!} तथा B ≠ 0 {\displaystyle B\neq 0\!} ,[1] प्राचल के रूप (parametric form) में- { x = x 0 + a x t , y = y 0 + a y t , {\displaystyle {\begin{cases}x=x_{0}+a_{x}t,\\y=y_{0}+a_{y}t,\end{cases}}}
ध्रुवीय निर्देशांक (r , θ ) , और कार्तीय निर्देशांक में सम्बन्ध निम्नलिखित समीकरणों से दर्शाया जा सकता है-
x = r cos θ , y = r sin θ . {\displaystyle x=r\cos \theta ,\quad y=r\sin \theta .} अतः यदि कोई रेखा मूल बिन्दु (0, 0) से होकर नहीं जाती तो उसका ध्रुवीय समीकरण निम्नलिखित होगा-
r = p cos ( θ − φ ) , {\displaystyle r={\frac {p}{\cos(\theta -\varphi )}},} जहाँ r > 0 तथा φ − π / 2 < θ < φ + π / 2. {\displaystyle \varphi -\pi /2<\theta <\varphi +\pi /2.} यहाँ, p उस रेखा की मूल बिन्दु से दूरी (सदा धनात्मक) और φ {\displaystyle \varphi } वह कोण है जो मूल बिन्दु से रेखा पर डाला गया लम्ब, x-अक्ष से बनाती है।
यदि कोई रेखा r → 0 , {\displaystyle {\vec {r}}_{0},} से होकर जाती है और ईकाई सदिश u → . {\displaystyle {\vec {u}}.} के समान्तर है तो उसका समीकरण निम्नलिखित होगा-
r → = r 0 → + t u → . {\displaystyle {\vec {r}}={\vec {r_{0}}}+t{\vec {u}}.} जहाँ t {\displaystyle t} कोई वास्तविक संख्या है।
स्पेस में किसी बिन्दु ( x 1 , y 1 , z 1 ) {\displaystyle (x_{1},\;y_{1},\;z_{1})} से जाने वाली सरल रेखा का समीकरण
{ x = x 0 + t α , y = y 0 + t β , t ∈ R z = z 0 + t γ , {\displaystyle {\begin{cases}x=x_{0}+t\alpha ,\\y=y_{0}+t\beta ,\quad t\in \mathbb {R} \\z=z_{0}+t\gamma ,\end{cases}}} वास्तव में, त्रिबिम स्पेस में सरल रेखा को दो समतलों के प्रतिच्छेद के रूप में देखा जाता है। अतः निम्नलिखित दो समीकरण सम्मिलित रूप से एक रेखा के समीकरण हैं-
3 चरों में दो एकघातीय समीकरण { x + y + z = 4 x − y + 3 z = 7 {\displaystyle \left\{{\begin{matrix}x&+y&+z&=4\\x&-y&+3z&=7\end{matrix}}\right.} वास्तव में उपरोक्त दो समीकरण आलग-अलग दो समतलों को निरूपित करते हैं।
↑ Geometría Analítica ( 1980) Charles Lehmann; Editorial Limusa, ISBN 968-18-176-3; pg. 65