सांयोजिकी (combinatorics) पर सबसे पुराना चिन्तन भारतीय मनीषियों द्वारा किया गया। भगवती सूत्र नामक जैन ग्रंथ में सांयोजिकी पर एक प्रश्न है। इसके उपरान्त पिंगल ने छंदशास्त्र में सांयोजिकी का सुन्दर प्रयोग किया है। महान गणितज्ञ महावीर और ब्रह्मगुप्त ने भी इस विषय पर बहुत काम किया है।

यूरोप में चौदहवीं शताब्दी में इस क्षेत्र में काम आरम्भ हुआ जिसमें फिबोनाकी (Leonardo Fibonacci) आदि ने अग्रणी भूमिका निभाई।

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