साइलेंट हाइपोक्सिया या हैप्पी हाइपोक्सिया नाम से प्रसिद्ध यह हाइपोक्सिया ही है, लेकिन इसमें सांस लेने में किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं होती है। यह कोरोना वायरस की बीमारी से उत्पन्न समस्या है। यह समस्या SARS-CoV-2 द्वारा फेफड़ों में जाने वाले रक्त के प्रवाह को प्रभावित करने से होती है। यह फेफड़ों को प्रभावित तो करते ही हैं, लेकिन इतना नहीं कि सांस लेने में दिक्कत उत्पन्न हो। इस दौरान शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 50% से भी कम हो जाता है, लेकिन इसके बारे में व्यक्ति को कुछ अहसास नहीं होता है।


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