साएडेरियाई कल्प

पैलिप्टेरोजोइक युग की पहली अवधि

साएडेरियाई कल्प (Siderian Period) पृथ्वी के भूवैज्ञानिक इतिहास में एक कल्प था, जो आज से 250 करोड़ (यानि 2.5 अरब) वर्ष पहले आरम्भ हुआ और 230 करोड़ (2.3 अरब) वर्ष पहले अंत हुआ। यह पुराप्राग्जीवी महाकल्प (पेलियोप्रोटेरोज़ोइक, Paleoproterozoic) और प्राग्जीवी इओन (Proterozoic) दोनों का सबसे पहला कल्प था। इसके बाद में राएसियाई कल्प (Rhyacian) आया। साएडेरियाई कल्प से पहले आर्कीअन इओन चल रहा था।[1]

डेल्ज़ गॉर्ज, वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में एक साएडेरियाई धारीदार लौहशिला गठन

ऑक्सीजन में बढ़ौतरी और सागरों का रंग बदलना संपादित करें

साएडेरियाई कल्प में धारीदार लौहशिला गठन (banded ironstone formation) नामक अवसादी शैल की रचना चरमगति पर थी। उस समय पृथ्वी के सागरों का रंग हरा था क्योंकि उनमें बड़ी मात्रा में लोहे यौगिक घुले हुए थे। इन समुद्रों में फैले शैवाल ने ऑक्सीजन उत्पन्न किया जिसने इस लोहे से मिलकर मैग्नेटाइट बना दिया। धीरे-धीरे सागरों का रंग साफ़ होने लगा। जब समुद्र से अधिकतर लोहा हट चुका था तो इस ऑक्सीजन को सोखने के लिए कुछ नहीं बचा, जिस से पृथ्वी के वायुमण्डल में - जहाँ अब तक मीथेन गैस की बड़ी भूमिका थी - ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने लगी। पृथ्वी पर तब तक क्रमविकसित हुए अधिकांश जीव कम-ऑक्सीजन वाली वायु में पनपने वाले अविकल्पी अवायुजीव थे और उनमें से अधिकांश इस बढ़ती ऑक्सीजन सान्द्रता को न झेल पाने के कारण विलुप्त हो गए।[2]

ऑक्सीजन बढ़ती रही और वायुमण्डल में मीथेन की सान्द्रता घटती रही। इसका तापमान पर भारी प्रभाव पड़ा क्योंकि ऑक्सीजन की तुलना में मीथेन एक कई अधिक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है, और सूरज से प्राप्त गरमी को वायुमण्डल व सतह पर अधिक रोके रखती है। बहुत से जीववैज्ञानिकभूवैज्ञानिक मानते हैं कि इस से ह्युरोनियाई हिमयुग आरम्भ हुआ, जो पृथ्वी का सबसे लम्बा व भयंकर हिमयुग था, जिसमें एक समय पर सम्भव है कि पृथ्वी पूरी तरह से हिमचादरों से ढकी गई हो। इस पूरे घटनाक्रम को महान ऑक्सीजन प्रलय (Great Oxygen Catastrophe) के नाम से जाना जाता है। आगे चलकर जैसे ऑक्सीजन-श्वासी जीव उत्पन्न हुए ऑक्सीजन की मात्रा में संतुलन आ गया।[3]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Ogg, James G.; Ogg, Gabi; Gradstein, Felix M. (2008). The Concise Geologic Time Scale. Cambridge University Press. पृ॰ 184. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-521-89849-2. मूल से 17 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 जुलाई 2018.
  2. Kasting, James F.; Ono, Shuehi (2006). "Paleoclimates: The First Two Billion Years". Philosophical Transactions: Biological Sciences. 361 (1470): 917–929. JSTOR 20209693. डीओआइ:10.1098/rstb.2006.1839. पी॰एम॰सी॰ 1868609.
  3. Kopp, Robert E.; Kirschvink, Joseph L.; Hilburn, Isaac A.; Nash, Cody Z. (2005). "The Paleoproterozoic Snowball Earth: A climate disaster triggered by the evolution of oxygenic photosynthesis". PNAS. 102 (32): 11131–11136. डीओआइ:10.1073/pnas.0504878102.