लोगों के पूरे समूह द्वारा यदि कोई बात भुला दी जाय तो इसे सामूहिक स्मृतिलोप या सामाजिक स्मृतिलोप कहते हैं। सन १९७० के दशक में रसेल जैकोबी (Russell Jacoby) ने इस पर विद्वतापूर्ण कार्य किया है। सामूहिक स्मृतिलोप के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से कुछ प्रमुख ये हैं- बलपूर्वक स्मृति का दमन, अज्ञानता, परिस्थितियों का बदलना, रुचि में परिवर्तन के कारण होने वाला स्मृतिलोप। विरोध, लोकगाथाएँ, "स्थानीय स्मृति", तथा सामूहिक गृहातुरता (Nostalgia) आदि के द्वारा सामूहिक स्मृतिलोप से बचा जा सकता है।