सिलम्बम

सिलम्ब्लम एक हथिआर अधारित मार्शल आर्ट है जो उप-महांदीप में अजोके तमिलनाडु में शुरु हुई थी। इस श्र

सीलम्बम दन्ड कला का प्राचीन नाम है जिसे संस्कृत से लिया गया है दंड हमारा प्राचीन शस्त्र होने के साथ-साथ यह हिंदू धर्म में पूज्य स्थान प्राप्त भी है दंड धारण करने वाला व्यक्ति एक निश्चित मर्यादा व नियमों से बंधा होता है दान धारण करने वाला राजा भी हो सकता है प्रजा की रक्षा करने वाले सामान्य जन भी सीलम संस्कृत का आवरण है जो सर्व सामान्य की सेल चरित्र की रक्षा करने के लिए एक बड़े जल से समूह के सामने शपथ लेकर उस धन को धारण करते हैं इसका उदाहरण हमें चाणक्य के रूप में देखने को मिलता है जिसमें चंद्रगुप्त को राजा बनाने हैं के बाद धर्मा दंड धारण करने की की पद्धति का प्रचलन किया गांव के मुखिया भी प्राचीन समय से दंड धारण करते आ रहे हैं दंड कोई भय पैदा करने के लिए हाथ में उठाया गया शस्त्र नहीं है वह एक सर्व सर उपयोगी निजी सहायक के रूप में भी काम करता है धर्म दंड धारण करने वाला व्यक्ति धर्म के हित में इसका उपयोग करता है वह सेल का आलंबन करता है इसलिए इसको सी लंबन भी कहते हैं।