सुनेहरा जहर मेंढक
Phyllobates terribilis | |
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वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
Unrecognized taxon (fix): | Phyllobates |
जाति: | Template:Taxonomy/PhyllobatesP. terribilis |
द्विपद नाम | |
Template:Taxonomy/PhyllobatesPhyllobates terribilis Myers, Daly, and Malkin, 1978[2] |
इसे आम तौर पर सुनहरा मेढक कहा जाता है । यह भारत मे पश्चिमी घाट पर मिलने वाली प्रजाति है। इस प्रजाति को त्रिवेंद्रम मेंढक के नाम से भी जाना जाता है ।
वैज्ञानिक परिभाषा संपादित करें
इसका द्विपद नाम इंडोसिलवीराना औरंटियाका है । इस प्रजाति को सबसे पहले १९०४ में बेल्जियम -ब्रिटिश जूलॉजिस्ट जॉर्ज अल्बर्ट बूलेंगर ने राणा औरांतिया के रूप में वर्णित किया ।
जाति - कोर्डेटा
वर्ग - एम्फिबिया
परिवार - रनिडिए
प्रजाति- औरंटियाका
पारिस्थितिकी और जीवन संपादित करें
यह आम तौर पर उष्णकटिबंधीय आद्र भूमि , नम , दलदली जंगल और तटीय क्षैत्रों में पाए जाने वाले लार्वाअक्सर बहते पानी मे पाये जाते हे। जबकि व्यस्क चट्टानों ,अन्य वस्तूओ पर और पानीके आसपास की जगहो पर आराम कर ते है । ये आम तौर पर निशाचर होते है। उनका मुख्य प्रजनन काल जून से जूलाई के बीच है। जब पुरी तरह परिपक्द हो जाते हे। तो टैड पोल गुलाबी पीली पूंछ वाले छोटे पीले व्यस्क मेंढको से होते हे। ये दिन के समय हल्की बारिश मे सक्रिय रहते हे।
संरक्षण - संपादित करें
त्रिवेंद्रम मेंढक वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय प्रक्रति और प्राक्रतिक संसाधन संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा कमजोर के रूप मे वर्गीक्रत किया गया हे।
सन्दर्भ संपादित करें
- ↑ (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
- ↑ (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
- ↑ "Arkive closure". Wildscreen. मूल से 21 अप्रैल 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-06-05.