सेम्मंगुड़ी राधाकृष्ण श्रीनिवास अय्यर

सेम्मंगुड़ी राधाकृष्ण श्रीनिवास अय्यर (25 जुलाई 1908 - 31 अक्टूबर 2003) एक भारतीय कर्नाटक गायक थे। उन्हें अपने समकालीनों के साथ जी एन बालासुब्रमण्यम और मदुरै मणि अय्यर को कर्नाटक संगीत की 20वीं शताब्दी के पुरुष त्रिमूर्ति के रूप में जाना जाता है।[1] 1947 में संगीत अकादमी द्वारा दिए गए संगीत कलानिधि के वे सबसे कम उम्र के प्राप्तकर्ता थे और उन्होंने भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण और पद्म विभूषण सहित कई पुरस्कार प्राप्त किए।[2] इसके अलावा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1953), इसाई पेरारिग्नार द्वारा तमिलनाडु सरकार ने उन्हें सम्मानित किया। जबकि मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें कालिदास पुरस्कार से सम्मानित किया। उनके शिष्य उन्हें "सेम्मंगुडी मामा" (सेम्मंगुडी अंकल) के रूप में संबोधित करते थे। उन्हें "पितामह" या आधुनिक कर्नाटक संगीत के भव्य साहब भी माना जाता था।[3] उन्हें 1979 में केरल विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।[4]

सेम्मंगुड़ी राधाकृष्ण श्रीनिवास अय्यर
செம்மங்குடி ஸ்ரீநிவாஸ ஐயர்
पृष्ठभूमि
जन्म25 जुलाई 1908
तिरुकोडिकवल, तंजावुर, मद्रास, भारत
निधन31 अक्टूबर 2003(2003-10-31) (उम्र 95)
मद्रास, तमिल नाडु, भारत
विधायेंकर्नाटक संगीत
पेशागायक

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Article by Mohan Ayyar
  2. "Padma Awards" (PDF). Ministry of Home Affairs, Government of India. 2015. मूल (PDF) से 15 नवंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि July 21, 2015.
  3. Article-The Hindu
  4. "D.Litt for Yesudas after Muthia and Semmangudi from Kerala University". द हिन्दू. Chennai, India. 29 March 2003. मूल से 4 October 2012 को पुरालेखित.