रोमन शासकों के लौट जाने के बाद ब्रिटेन पर जर्मनी आदि देशों के जिन लोगों ने आक्रमण किए वे सैक्सन (लैटिन: Saxones, पुरानी अंग्रेजी: Seaxe, Old Saxon: Sahson, Low German: Sassen, जर्मन: Sachsen, डच: Saksen) कहलाए। इनमें ऐंग्ल, सैक्सन तथा जूट्स नामक निम्न वर्गीय जर्मन मूल की जातियाँ थीं जो डेनमार्क, जर्मनी और हालैंड से ४०० ई. में ब्रिटेन आए थे और इन्हें इंग्लैंड पर विजय पाने के लिए सेल्ट लोगों से १५० वर्षों तक युद्ध करना पड़ा था। सेल्ट जाति के लोगों को भागकर वेल्ज के पर्वतों में शरण लेनी पड़ी जहाँ उनकी भाषा अब भी जीवित है।

जर्मनी के तीन आधुनिक राज्य 'सैक्सोनी कहलाते हैं। लोवर सैक्सोनी, सैक्सोनी-अन्हाल्ट तथा स्वतंत्र राज्य सैक्सोनी (क्रमशः उत्तर से दक्षिण की तरफ)

परिचय संपादित करें

सैक्सनों ने इंग्लैंड पर छोटी-छोटी टोलियों में आक्रमण किया और अंत में जीते हुए यही छोटे-छोटे भाग ही नार्थब्रिया, मर्सिया तथा वेसेक्स के बड़े राज्य बन गए। सैक्सन देहात के निवासी थे और इसलिए कुछ ही दिनों में रोमन लोगों के बसाए हुए नगरों में उल्लू बोलने लगे तथा उनकी भाषा का भी लोप हो गया और इस प्रकार ऐंग्लो सैक्सन भाषा ने ही आज की 'अंग्रेजी' का रूप धारण किया। ब्रिटेन के देहातों का सामाजिक संगठन भी पुरानी सैक्सन बस्तियों की ही तरह है, विशेषकर सैक्सनों द्वारा प्रचारित 'खुली खेती' का ब्रिटेन में अब भी प्रचलन है जिसके द्वारा प्रत्येक जुता हुआ खेत तीन भागों में विभक्त कर दिया जाता था और हर साल उनमें से एक भाग बिना बोए छोड़ दिया जाता था।

सैक्सन पार्लियामेंट का, जिसे 'वितान' कहते हैं, अध्यक्ष राजा हुआ करता था जो राज्य के सभी महत्वपूर्ण व्यक्तियों को इसके लिए आमंत्रित करता था। यह पार्लियामेंट अगले राजा का चुनाव करती थी तथा कानून बनाती थी। प्रशासन की सरलता के लिए सौ गाँवों का एक भाग बनाया जाता था तथा बाद में और बड़े भाग बनने लगे जिनके नाम के अंत में 'शायर' लगा होता था जिनका अस्तित्व आज भी है। सैक्सनों ने धीरे-धीरे ईसाई धर्म अपना लिया, जिसका प्रभाव पुराने गिरजाघरों के निर्माण में दिखाई देता है। ये लोग क्रिसमस के उत्सव पर लकड़ी का लट्ठा जलाते थे। इसी प्रकार 'ईओस्टर' (वसंत की देवी) का त्योहार भी धीरे-धीरे 'ईस्टर' में परिणत हो गया।