हेलिकोबैक्टर
हेलिकोबैक्टर (Helicobacter) कुण्डल-आकृति के ग्राम-ऋणात्मक बैक्टीरिया का एक जीववैज्ञानिक वंश है।[2] इसकी कुछ सदस्य जातियाँ कुछ स्तनधारियों और पक्षियों के जठरांत्र क्षेत्र के ऊपरी भाग और यकृत में रहती हुई पाई जाती हैं। इसकी सबसे अधिक जानी-मानी जाति, हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (H. pylori) है, जो लगभग 50% मानवों में पाई जाती है। कुछ जातियाँ मानवों में रोगजनक हैं और पैप्टिक अल्सर, आमाशयार्ति और पेट के कर्करोग से सम्बन्धित पाई गई हैं।[3] कुल मिलाकर हेलिकोबैक्टर वंश में लगभग 35 ज्ञात जातियाँ हैं।[4][5][6]
हेलिकोबैक्टर | |
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हेलिकोबैक्टर | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
अधिजगत: | बैकटीरिया (Bacteria) |
संघ: | प्रोटियोबैक्टीरिया (Proteobacteria) |
वर्ग: | ऍप्सिलनप्रोटियोबैक्टीरिया (Epsilonproteobacteria) |
गण: | कैम्पीलोबैक्टीरेलीस (Campylobacterales) |
कुल: | हेलिकोबैक्टीरेसी (Helicobacteraceae) |
वंश: | हेलिकोबैक्टर (Helicobacter) गुडविन, 1989 |
जातियाँ | |
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इन्हें भी देखें संपादित करें
सन्दर्भ संपादित करें
- ↑ अ आ (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
- ↑ (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
- ↑ Ryan KJ, Ray CG (editors) (2004). Sherris Medical Microbiology (4th संस्करण). McGraw Hill. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-8385-8529-9.सीएस1 रखरखाव: फालतू पाठ: authors list (link)
- ↑ Boyanova, L (editor) (2011). Helicobacter pylori. Caister Academic Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-904455-84-4.सीएस1 रखरखाव: फालतू पाठ: authors list (link)
- ↑ (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
- ↑ Yamaoka Y (editor). (2008). Helicobacter pylori: Molecular Genetics and Cellular Biology. Caister Academic Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 1-904455-31-X. [1]. मूल से 18 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 अगस्त 2018.