P–p (प्रोटॉन-प्रोटॉन) श्रृंखला

सूर्य तथा तारों में हाइड्रेजन नाभिकों की संलयन अभिक्रिया निम्न प्रकार से होती है

1H1+1H1+1H1+1H1 ---> 2He4+1H1+1H1+2 1B0+2y(rays)+24.7Mev(energy)


इस अभिक्रिया में चार 1H1 हाइड्रोजन संलयित होकर एक हीलियम नाभिक 2He4 बनाते हैं तथा दो पाजीट्रान व 24.7 मेगा इलेक्ट्रान वोल्ट ऊर्जा मुक्त होती है।