V-श्रेणी क्षुद्रग्रह (V-type asteroid) क्षुद्रग्रहों की एक श्रेणी है जिसके सदस्य ४ वेस्टा से मिलते-जुलते हैं (और जिस कारण से इस श्रेणी को 'V' कहा जाता है)। ४ वेस्टा इस श्रेणी का सबसे विशालकाय क्षुद्रग्रह है। हमारे सौर मंडल के क्षुद्रग्रह घेरे के लगभग ६% क्षुद्रग्रह इस श्रेणी के हैं।[1]

डॉन शोध यान द्वारा ली गई ४ वेस्टा की तस्वीर - V-श्रेणी का नाम इसी पर पड़ा है

सम्भावित उत्पत्ति संपादित करें

V-श्रेणी के क्षुद्रग्रहों की कक्षाएँ (ओरबिट) ४ वेस्टा से मिलते-जुलते होते हैं। यह देखकर खगोलशास्त्री अनुमान लगाते हैं कि इनमें से अधिकतर किसी प्रहार या प्रहारों द्वारा वेस्टा से ही टूटकर अलग हुए थे। वेस्टा के दक्षिणी गोलार्ध (हेमिसफ़ियर) में रियासिल्विया (Rheasilvia) नामक एक ५०५ किमी का प्रहार क्रेटर है और सम्भव है कि यही अधिकांश V-श्रेणी क्षुद्रग्रहों का स्रोत हो।[2]

वर्णक्रम व बनावट संपादित करें

V-श्रेणी क्षुद्रग्रहों का ऐल्बीडो (चमकीलापन) मध्यम होता है और S-श्रेणी क्षुद्रग्रहों के समान होता है, जो पत्थरयुक्त-लोहे और कोन्ड्राइट के बने होते हैं। V-श्रेणी में S-श्रेणी की तुलना में अधिक पाइरॉक्सीन होता है, और इनकी संख्या भी S-श्रेणी की तुलना में काफ़ी कम है। V-श्रेणी के उत्सर्जन वर्णक्रम (एमिशन स्पेक्ट्रम) में ०.७५ माइक्रोमीटर के तरंगदैर्घ्य (वेवलेंथ) पर एक तगड़ी धारी और फिर १ माइक्रोमीटर पर भी एक धारी दिखती है। इसके अलावा इनमें ०.७ माइक्रोमीटर से नीचे लालिमा नज़र आती है। यह वर्णक्रम पृथ्वी पर गिरने वाले HED उल्काओं (HED meteorite) जैसा है जो एक प्रकार के अकोन्ड्राइट उल्का होते हैं।[3]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Tholen, D. J. (1989). "Asteroid taxonomic classifications". Asteroids II. Tucson: University of Arizona Press. pp. 1139–1150. ISBN 0-8165-1123-3.
  2. S. J. Bus & R. P. Binzel (2002). "Phase II of the Small Main-belt Asteroid Spectroscopy Survey: A feature-based taxonomy". Icarus 158: 146. Bibcode:2002Icar..158..146B Archived 2018-08-09 at the वेबैक मशीन. doi:10.1006/icar.2002.6856.
  3. Norton, O. Richard (2002). The Cambridge Encyclopedia of Meteorites. Cambridge: Cambridge University Press. pp. 121–124. ISBN 0-521-62143-7.