अभिषेक राष्ट्रवादी के सदस्य योगदान

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24 अक्टूबर 2021

  • 03:5903:59, 24 अक्टूबर 2021 अन्तर इतिहास −40 शिरडी साईं बाबासाई बाबा भारतीय फकीर है जो सर्वमान्य है। टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 03:5703:57, 24 अक्टूबर 2021 अन्तर इतिहास +7,971 शिरडी साईं बाबा*साईं ट्रस्ट के द्वारा 96 करोड़ मस्जिद के लिए दान।* *लेकिन राम मंदिर निर्माण के लिए 1रूपया नहीं दिया गया।* *अब भी नहीं समझे मुर्खों तो अफगान का हाल देख लो।* *तुम्हारे ही चढ़ावा के धन से* *मस्जिद बन रहें हैं, आतंकवादी पल रहे हैं और तुम्हारा सर्वनाश कर रहे हैं।* *वाह रे साईं तेरा षड़यंत्र, हिन्दू भूल रहे वैदिक मंत्र।* *और हम मुर्ख हिंदू साई के मंदिर में जाकर माथा टेकते हैं और चढ़ावा चढ़ाते है*साईं बाबा की सच्चाई सभी सनातन धर्मियों को जाना चाहिए । किस तरह से साजिश के तहत हिंदू मंदिरों में साईं... टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

13 अक्टूबर 2021

  • 15:0515:05, 13 अक्टूबर 2021 अन्तर इतिहास +37 दाहिर (राजा)मोहम्मद साहब के पारिवारिक हुसैन इब्न अली और अन्य लोगों ने इनसे शरण मांगी इन्होंने उनको शरण दी और अरब में खलीफा शासन लागू हो गया था और खलीफा मोहम्मद साहब के वारिस को और सभी पारिवारिक लोगों को मारना चाहता था जब खलीफा को मालूम चला की दाहिर सेन ने हुसैन इब्न अली को शरण दी है तो खलीफा ने जनरल हज्जाज को फौजी दस्ते के साथ भेजा और राजा दाहिर सेन ने उसको मार के भगा दिया। टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 15:0115:01, 13 अक्टूबर 2021 अन्तर इतिहास +1,581 दाहिर (राजा)अपने राष्ट्र और देश और मोहम्मद साहब के पारिवारिक लोगों ने इनसे शरण मांगी इन्होंने उनको शरण दी और अरब में खलीफा शासन लागू हो गया था और खलीफा मोहम्मद साहब के वारिस को और सभी पारिवारिक लोगों को मारना चाहता था जब खलीफा को मालूम चला की दाहिर सेन ने मोहम्मद साहब के नवासों को शरण दी है तो खलीफा ने जनरल हज्जाज को फौजी दस्ते के साथ भेजा और राजा दाहिर सेन ने उसको मार के भगा दिया।फिर अरब के खलीफा ने मोहम्मद बिन कासिम को भेजा। टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

25 सितंबर 2021

  • 09:4009:40, 25 सितंबर 2021 अन्तर इतिहास +99 मोपला विद्रोहलिहाजा झूठे आख्यानों से परे इसे वास्तविक रूप में देखना और समझना महत्वपूर्ण है कि 1921 में आखिर हुआ क्या था। दंगों के समय मालाबार की जनसंख्या में मोपला की संख्या करीब 35 प्रतिशत थी। मोपला मलयाली भाषी मुसलमान थे, जिनकी जड़ें अरब में थीं। यह इस क्षेत्र में सबसे बड़ा समुदाय बन गया था। 20 अगस्त 1921 से शुरू होकर कई महीनों तक चली इस हिंसा को पक्षपाती वामपंथी इतिहासकारों और कांग्रेस द्वारा जमींदारों और अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह के रूप में चित्रित किया गया, लेकिन यह सच्चाई नहीं थी। टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 09:3709:37, 25 सितंबर 2021 अन्तर इतिहास +7,082 मोपला विद्रोहलिहाजा झूठे आख्यानों से परे इसे वास्तविक रूप में देखना और समझना महत्वपूर्ण है कि 1921 में आखिर हुआ क्या था। दंगों के समय मालाबार की जनसंख्या में मोपला की संख्या करीब 35 प्रतिशत थी। मोपला मलयाली भाषी मुसलमान थे, जिनकी जड़ें अरब में थीं। यह इस क्षेत्र में सबसे बड़ा समुदाय बन गया था। 20 अगस्त 1921 से शुरू होकर कई महीनों तक चली इस हिंसा को पक्षपाती वामपंथी इतिहासकारों और कांग्रेस द्वारा जमींदारों और अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह के रूप में चित्रित किया गया, लेकिन यह सच्चाई नहीं थी। मालाबार में सांप्... टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन