दिनेश यादव के सदस्य योगदान

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12 अगस्त 2019

  • 05:4405:44, 12 अगस्त 2019 अन्तर इतिहास +1,529 छो चिंतनचिंतन मुख्य रूप से 2 प्रकार का होता है । 1-स्वली चिंतन 2-यथार्थवादी चिंतन स्वली चिंतन को हम काल्पनिक चिंतन और यथार्थवादी को वास्तविक चिंतन कहते है यथार्यवादी चिंतन 3 प्रकार के होते है 1-अपसारी 2-अभिसारी 3-आलोचनात्मक 1-अपसारी चिंतन -जो पूर्णतः स्वतंत्रत हो या गैर परम्परागत हो या जिसमे हम अपनी मनोभावना को व्यक्त कर सके उसे अपसारी चिंतन कहते है। 2-अभिसारी चिंतन-इस चिंतन के अंतर्गत हम एक नियम में बधे रहते है और हम इसमे अपनी मनोभावना को स्वतंत्रता पूर्वक व्यक्त नही कर सकते है उसे अभिसारी चिंतन कहते टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन