हिमांशु उनियाल के सदस्य योगदान
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20 जुलाई 2020
- 12:3912:39, 20 जुलाई 2020 अन्तर इतिहास +355 भरत मुनि नाट्यशास्त्र में 36 अध्याय व श्लोक 6000 हैं अतः इसे षट्ससाहस्त्री संहिता भी कहते हैं। आचार्य भरत ने आठ रस माने हैं। शांत को रस नहीं माना है। टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन