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2 फ़रवरी 2023

  • 19:2819:28, 2 फ़रवरी 2023 अन्तर इतिहास +779 वेदवतीचौपाई सुनहु प्रिया ब्रत रुचिर सुसीला। मैं कछु करबि ललित नरलीला॥ तुम्ह पावक महुँ करहु निवासा। जौ लगि करौं निसाचर नासा॥1॥ भावार्थ हे प्रिये! हे सुंदर पतिव्रत धर्म का पालन करने वाली सुशीले! सुनो! मैं अब कुछ मनोहर मनुष्य लीला करूँगा, इसलिए जब तक मैं राक्षसों का नाश करूँ, तब तक तुम अग्नि में निवास करो॥1॥ टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 19:2419:24, 2 फ़रवरी 2023 अन्तर इतिहास +10,988 वेदवतीवेदवती ( संस्कृत : वेदवती, IAST : वेदवती ) हिंदू पौराणिक कथाओं में देवी सीता का पिछला जन्म है । [2] वह समृद्धि की देवी लक्ष्मी का अवतार हैं । [3] वेदवती वेदों का ज्ञाता [1] वेदवती ने रावण.जेपीजी को मना कर दिया वेदवती ने रावण की चाल को विफल कर दिया संबंधन सीता ग्रंथों पुराण , रामायण व्यक्तिगत जानकारी माता-पिता कुशध्वज (पिता) विख्यात व्यक्ति जन्म वेदवती ब्रह्मऋषि कुशध्वज की बेटी थीं , जो देवों के गुरु बृहस्पति के पुत्र थे । पवित्र वेदों का जप और अध्ययन करने के बाद , उन्होंने अपनी बेटी का नाम व... टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन