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14 जून 2022
- 04:1904:19, 14 जून 2022 अन्तर इतिहास +785 ऋष्यशृंग सृंगी रिषिहि बसिष्ठ बोलावा। पुत्रकाम सुभ जग्य करावा॥ भगति सहित मुनि आहुति दीन्हें। प्रगटे अगिनि चरू कर लीन्हें॥ भावार्थ- वशिष्ठ ने श्रृंगी ऋषि को बुलवाया और उनसे शुभ पुत्रकामेष्टि यज्ञ कराया। मुनि के भक्ति सहित आहुतियाँ देने पर अग्निदेव हाथ में चरु (हविष्यान्न खीर) लिए प्रकट हुए। टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 04:0804:08, 14 जून 2022 अन्तर इतिहास +99 ऋष्यशृंग भारत में निवेश सिखवाल समाज श्रृंग ऋषि के वंशज हैं टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन