Ajit Raj gorh के सदस्य योगदान

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26 दिसम्बर 2023

  • 16:1416:14, 26 दिसम्बर 2023 अन्तर इतिहास +6 मानव स्वरVoice) या कंठध्वनि की उत्पत्ति उसी प्रकार के कंपनों से होती है जिस प्रकार वाद्ययंत्र से ध्वनि की उत्पत्ति होती है। अत: स्वरयंत्र और वाद्ययंत्र की रचना में भी कुछ समानता है। वायु के वेग से बजनेवाले वाद्ययंत्र के समकक्ष मनुष्य तथा अन्य स्तनधारी प्राणियों में निम्नलिखित अंग होते हैं : 1. कंपक (Vibrators) इसमें स्वर रज्जुएँ (Vocal cords) भी सम्मिलित हैं। 2. अनुनादक अवयव (resonators) इसमें निम्नलिखित अंग सम्मिलित हैं वर्तमान टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन