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27 दिसम्बर 2021
- 14:5914:59, 27 दिसम्बर 2021 अन्तर इतिहास +39 छो आक्रामकता आक्रामकता सभी जीव जंतुओं में अलग-अलग होती है। मनुष्य में आक्रामकता का भाव तब आ जाता है जब इस संपूर्ण पर्यावरण में उसके उद्देश्यों की पूर्ति में कोई व्यक्ति वस्तु स्थान अथवा जीव जंतु बाधक होता है। आक्रामकता का जन्म व्यक्ति के मस्तिष्क में उत्पन्न होता है अन्य जीव जंतु में यह आक्रामकता भोजन और स्थान और शारीरिक भूख मिटाने के लिए होती है जब कोई जीव जंतु था मनुष्य की महत्वाकांक्षा बढ़ जाती है ऐसे में अन्य जीव जंतु एवं मनुष्यों के अधिकारों का हनन होता है और इस परिवेश में आक्रामकता जन्म लेती हैं। बिपिन टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन Newcomer task