Dhargd के सदस्य योगदान

योगदान खोजेंविस्तार करेंछोटा करें
⧼contribs-top⧽
⧼contribs-date⧽

13 जुलाई 2021

  • 15:1215:12, 13 जुलाई 2021 अन्तर इतिहास +139 भारतीय महाकाव्यसंदर्भ_ उत्तर नैशधीयचरितम l यह महाकाव्य बीसवीं सदी के कवि काव्य सांख्य तीर्थ एवं महान आयुर्वेदाचार्य श्री भैरव गिरि शास्त्री (1901_ 1975) निवासी ग्राम_कुमना , जिला_ सारण, राज्य_ बिहार ( इंडिया) द्वारा अपने जीवन के उत्तरार्ध में 1974 में पूरा किया गया जिसका प्रकाशन कुछ अड़चनों के निराकरण के पश्चात वर्ष 2005 में भारत सरकार के अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान , नई दिल्ली के सहयोग से नाग पब्लिशर्स, नई दिल्ली ( इंडिया) द्वारा किया गया । टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन