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11 फ़रवरी 2023

  • 16:2016:20, 11 फ़रवरी 2023 अन्तर इतिहास +440 सदस्य वार्ता:MP BOARDउत्तर वर्तमान टैग: उत्तर
  • 05:1305:13, 11 फ़रवरी 2023 अन्तर इतिहास +1,572 छो उपभोग (अर्थशास्त्र)उपभोग का सामान्य अर्थ, बस्तु का उपभोग करना है। वस्तु के उपभोग से वस्तु पूर्णतः नष्ट हो आती है, ऐसा समझा जाता है, परन्तु ऐसा नहीं है। मनुष्य न तो किसी वस्तु का निर्माण कर सकता है और न ही किसी वस्तु को नष्ट कर सकता है। जैसेयदि कोई लकड़ी का उपभोग करता है, तो लकड़ी मूलतः नष्ट नहीं होती, बल्कि बह कोयले के रूपमों आ जाती है और यदि कोयले का पुनः उपयोग करते हैं, तो वह राख के रूप में बदल जाता है। अतः उसे (लकड़ी) मूलतः नष्ट नहीं किया जा सकता। इस प्रकार, एक बार लकड़ी का उपयोग करने पर हम दोबारा लकड़ी से उपयो टैग: coi-spam यथादृश्य संपादिका

3 सितंबर 2022

  • 03:4703:47, 3 सितंबर 2022 अन्तर इतिहास +3,004 छो दादा भाई नौरोजीदादाभाई नौरोजी - आधुनिक भारतीय अर्थशास्त्र का जनक दादाभाई नौरोजी को कहा जा सकता है इनका जन्म 4 सितम्बर, 1825 को पारसी परिवार में हुआ। सन्‌ 1855 में यह कामा एण्ड कम्पनी के प्रतिनिधि के रूप में इंग्लैण्ड गये सन्‌ 1856 में ही वहाँ लन्‍्दन के कॉलेज में अध्यापक हो गये । उन्होंने वहाँ लंदन इंडियन सोसायटी स्थापित की, जिसका उद्देश्य भारतीय छात्रों को संगठित करना और भारत की समस्याओं का अध्ययन करना था । उन्होंने यूरोप के देशों की अर्थव्यवस्था का सूक्ष्म अध्ययन किया था। अपने जीवनकाल में बे महत्वपूर्ण पदों टैग: Reverted coi-spam यथादृश्य संपादिका
  • 03:3403:34, 3 सितंबर 2022 अन्तर इतिहास +1,666 छो कौटिल्य पण्डितकौटिल्य भारतीय आर्थिक चिंतकों में कौटिल्य का स्थान महत्वपूर्ण एवं सर्वोपरि है. कौटिल्य को विष्णु गुप्त के नाम से भी जाना जाता है | वे चाणक्य नाम  नाम से भी जाना जाता है | वे चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रधानमंत्री और प्रमुख परामर्शदाता थे। शासन विधि के संचालन के लिए  ही उन्होंने अर्थशास्त्र की रचना की थी कौटिल्य की इस पुस्तक में 6000 श्लोक 180 प्रकरण 150 अध्याय 15  आधिकरण इतिहासकार्रों के अनुसार कौटिल्य ने इस पुस्तक की रचना 300 ई. पूर्व में की थी। विद्वानों के मतानुसार, कौटिल्य ने इस पुस्तक में राजनीत टैग: Reverted coi-spam यथादृश्य संपादिका

8 अगस्त 2022