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29 मई 2022

  • 12:2612:26, 29 मई 2022 अन्तर इतिहास 0 छो धनगरधनगर एक अनुसूचित जाति है जो मुख्यतः उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व भारत के अन्य राज्यो में भी निवास करती है , जिसका मुख्य व्यवसाय चरवाहा (shepherd) है । धनगर (DHANGAR) भारत के संविधान अनुच्छेद 341 आदेश 1950 के अनुसार,अनुसूचित जाति की श्रेणी में आती है। जिसका मुख्य व्यवसाय भेड़ बकरियों को पालना और भेड़ की ऊन से कंबल बनाकर बेचना रहा है टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 12:2512:25, 29 मई 2022 अन्तर इतिहास +103 छो धनगरधनगर एक अनुसूचित जाति है जो मुख्यतः उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व भारत के अन्य राज्यो में भी निवास करती है , जिसका मुख्य व्यवसाय चरवाहा (shepherd) है । धनगर (DHANGAR) भारत के संविधान अनुच्छेद 341 आदेश 1950 के अनुसार,अनुसूचित जाति की श्रेणी में आती है। जिसका मुख्य व्यवसाय भेड़ बकरियों को पालना और भेड़ की ऊन से कंबल बनाकर बेचना रहा है टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 12:2212:22, 29 मई 2022 अन्तर इतिहास −113 छो धनगरधनगर एक अनुसूचित जाति है जो मुख्यतः उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व भारत के अन्य राज्यो में भी निवास करती है , जिसका मुख्य व्यवसाय चरवाहा (shepherd) है । धनगर (DHANGAR) भारत के संविधान अनुच्छेद 341 आदेश 1950 के अनुसार,अनुसूचित जाति की श्रेणी में आती है। जिसका मुख्य व्यवसाय भेड़ बकरियों को पालना और भेड़ की ऊन से कंबल बनाकर बेचना रहा है टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 12:1812:18, 29 मई 2022 अन्तर इतिहास −532 छो धनगरधनगर एक अनुसूचित जाति है जो मुख्यतः उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व भारत के अन्य राज्यो में भी निवास करती है , जिसका मुख्य व्यवसाय चरवाहा (shepherd) है । धनगर (DHANGAR) भारत के संविधान अनुच्छेद 341 आदेश 1950 के अनुसार,अनुसूचित जाति की श्रेणी में आती है। जिसका मुख्य व्यवसाय भेड़ बकरियों को पालना और भेड़ की ऊन से कंबल बनाकर बेचना रहा है टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

14 नवम्बर 2021

  • 18:3818:38, 14 नवम्बर 2021 अन्तर इतिहास −5 छो धनगरउत्तर प्रदेश - धनगर(DHANGAR) -Scheduled caste गड़रिया(नीखर)-पिछड़ा वर्ग । इसे उच्च वर्ग भी कहा जाता है। गड़रिया(नीखर) जोकि पिछड़े वर्ग में अधिसूचित है धनगर उपजाति के लोगो से छुआछूत की भावना रखते है। धनगर व नीखर में रोटी-बेटी के कोई सम्बंध नही । क्योकि धनगर(DHANGAR) एक अलग उपजाति/जाति है जो अनुसूचित जाति में आती है।जबकि गड़रिया(नीखर) अलग उपजाति/जाति है जो पिछड़े वर्ग में शामिल है। जातिगत हीन भावना से बचने के लिए पाल, बघेल सरनेम का प्रयोग करते है। टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 18:3718:37, 14 नवम्बर 2021 अन्तर इतिहास +247 छो धनगरउत्तर प्रदेश - धनगर(DHANGAR) -Scheduled caste गड़रिया(नीखर)-पिछड़ा वर्ग । इसे उच्च वर्ग भी कहा जाता है। गड़रिया(नीखर) जोकि पिछड़े वर्ग में अधिसूचित है धनगर उपजाति के लोगो से छुआछूत की भावना रखते है। धनगर व नीखर में रोटी-बेटी के कोई सम्बंध नही । क्योकि धनगर(DHANGAR) एक अलग उपजाति/जाति है जो अनुसूचित जाति में आती है।जबकि गड़रिया(नीखर) अलग उपजाति/जाति है जो पिछड़े वर्ग में शामिल है। जातिगत हीन भावना से बचने के लिए पाल, बघेल सरनेम का प्रयोग करते है। टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 18:3218:32, 14 नवम्बर 2021 अन्तर इतिहास +778 छो धनगरउत्तर प्रदेश - धनगर(DHANGAR) -Scheduled caste गड़रिया(नीखर)-पिछड़ा वर्ग । इसे उच्च वर्ग भी कहा जाता है। धनगर व नीखर में रोटी-बेटी के कोई सम्बंध नही । क्योकि धनगर(DHANGAR) एक अलग उपजाति/जाति है जो अनुसूचित जाति में आती है।जबकि गड़रिया(नीखर) अलग उपजाति/जाति है जो पिछड़े वर्ग में शामिल है। जातिगत हीन भावना से बचने के लिए पाल, बघेल सरनेम का प्रयोग करते है। टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

26 अक्टूबर 2021

  • 03:0003:00, 26 अक्टूबर 2021 अन्तर इतिहास +647 छो धनगरउत्तर प्रदेश - धनगर(DHANGAR) जाति राष्ट्रपति आदेश 1950 के अनुसार अनुसूचित जाति क्रम संख्या 27 पर अंकित है।एक अन्य उपजाति नीखर /सहला /गड़रिया है जो पिछड़े वर्ग में अधिसूचित है। धनगर जाति का गड़रिया(नीखर/सहला) जाति से रोटी-बेटी/ विवाह सम्बंध नही होते है । दोनों जातियां/उपजातियां अलग अलग है। टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

24 अक्टूबर 2021

3 सितंबर 2021

9 अगस्त 2021

  • 06:0006:00, 9 अगस्त 2021 अन्तर इतिहास −6 छो धनगरधनगर एक जाति है जो भारत के राज्य महाराष्ट्र में स्वतंत्र रूप से एवम ,उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड् में उपजाति के रूप में पाई जााती है। धनगर (DHANGAR) जाति भारत के संविधान आदेश 1950 के अनुसार, अनुसूचित जाति की श्रेणी में आती है। जिसका मुख्य व्यवसाय भेड़ बकरियों को पालना और भेड़ की ऊन से कंबल बनकर बेचना रहा है। धनगर जाति भारत के कई राज्यों में पाई जाती है। धनगर समुदाय में जन्मी रानी अहिल्याबाई होल्कर की पूजा सभी धर्मों के लोग करते हैं। धनगर की आबादी उत्तर प्रदेश में काफी अधिक है। धनगर जाति का मुख्य व् टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 05:5805:58, 9 अगस्त 2021 अन्तर इतिहास −201 छो धनगरधनगर एक जाति है जो भारत के राज्य महाराष्ट्र में स्वावतंत्र रूप से एवम ,उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड् में उपजाति के रूप में पाई जााती है। धनगर (DHANGAR) जाति भारत के संविधान आदेश 1950 के अनुसार, अनुसूचित जाति की श्रेणी में आती है। जिसका मुख्य व्यवसाय भेड़ बकरियों को पालना और भेड़ की ऊन से कंबल बनकर बेचना रहा है। धनगर जाति भारत के कई राज्यों में पाई जाती है। धनगर समुदाय में जन्मी रानी अहिल्याबाई होल्कर की पूजा सभी धर्मों के लोग करते हैं। धनगर की आबादी उत्तर प्रदेश में काफी अधिक है। धनगर जाति का मुख्य टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

14 जून 2021

11 जून 2021

  • 00:0000:00, 11 जून 2021 अन्तर इतिहास −269 छो धनगरधनगर (DHANGAR) एक जाति है जो भारत के राज्य महाराष्ट्र ,उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड् व अन्य राज्यो में निवास करती है। धनगर (DHANGAR) जाति भारत के संविधान आदेश 1950 के अनुसार, अनुसूचित जाति की श्रेणी में आती है। जिसका मुख्य व्यवसाय भेड़ बकरियों को पालना और भेड़ की ऊन से कंबल बनकर बेचना रहा है। धनगर जाति भारत के कई राज्यों में पाई जाती है। धनगर समुदाय में जन्मी रानी अहिल्याबाई होल्कर की पूजा सभी धर्मों के लोग करते हैं। धनगर जाति का मुख्य व्यवसाय चरवाहा(Shepherd)है। टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

17 दिसम्बर 2020

  • 02:2802:28, 17 दिसम्बर 2020 अन्तर इतिहास −355 छो धनगरDHANGAR (धनगर )एक अनुसूचित जाति है जो भारत के राज्य उत्तर प्रदेश ,उत्तराखंड, महाराष्ट व अन्य राज्यो में निवास करती है। धनगर (DHANGAR) जाति भारत के संविधान आदेश 1950 के अनुसार, अनुसूचित जाति की श्रेणी में आती है। जिसका मुख्य व्यवसाय भेड़ बकरियों को पालना और भेड़ की ऊन से कंबल बनकर बेचना रहा है। धनगर जाति भारत के कई राज्यों में पाई जाती है। धनगर समुदाय में जन्मी रानी अहिल्याबाई होल्कर की पूजा सभी धर्मों के लोग करते हैं। धनगर की आबादी उत्तर प्रदेश में काफी अधिक है। धनगर जाति का मुख्य व्यवसाय चरवाहा टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

20 सितंबर 2020

  • 07:4807:48, 20 सितंबर 2020 अन्तर इतिहास +2,068 धनगरभारतीय संविधान के अनुच्छेद-341 में प्रदत्त प्रावधान के अन्तर्गत संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश 1950 के उपबन्धों के अधीन जातियों, उपजातियों या जनजातियों (Castes, Races and Tribes) या उनका कोई भाग या समूह (or parts of or groups ) जो कि इस आदेश में वर्णित तथा राज्य विशेष से सम्बन्धित अनुसूची (भाग 1 से 16 तक ) में है, को इस आदेश के अधीन उनके स्थायी या क्षेत्रीय निवास के आधार पर उस जाति, उप जाति या जनजाति के सदस्यों को अनुसूचित जाति का सदस्य समझा जाएगा। धनगर(DHANGAR) जाति को भारत के संविधान राष्ट... टैग: Manual revert Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

19 सितंबर 2020

  • 17:3317:33, 19 सितंबर 2020 अन्तर इतिहास +2,068 धनगरधनगर(DHANGAR)एक अनुसूचित जाति है जो गड़रिया समुदाय की एक उपजाति(Sub-caste) है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद-341 में प्रदत्त प्रावधान के अन्तर्गत संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश 1950 के उपबन्धों के अधीन जातियों, उपजातियों या जनजातियों (Castes, Races and Tribes) या उनका कोई भाग या समूह (or parts of or groups ) जो कि इस आदेश में वर्णित तथा राज्य विशेष से सम्बन्धित अनुसूची (भाग 1 से 16 तक ) में है, को इस आदेश के अधीन उनके स्थायी या क्षेत्रीय निवास के आधार पर उस जाति, उप जाति या जनजाति के सदस्यों को... टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

15 जून 2020

  • 18:3318:33, 15 जून 2020 अन्तर इतिहास +2,172 सदस्य:Dhangar Narendra Palधनगर(DHANGAR) धनगर समाज प्राचीन भारत में धन का तात्पर्य था पशुओं से पशुओं में प्राचीन से धनगर समाज भेड़ बकरी एवं उनकी ऊन से कम्बल बनाकर बेचने का कार्य करते थे। वर्तमान में जंगलो में भेड़ ,बकरी चराने के लिए कम जंगल होने के कारण धनगर जाति के लोग इस व्यवसाय को छोड़ते जा रहे है ,परंतु प्राचीन काल से ही धनगर समाज को भेड़ बकरियों चरवाहा के रुप में जाना जाता रहा है। सत्ररहवीं शदी के इंदौर नरेश श्री मल्हार राव होल्कर की जाति जो तत्कालीन अंग्रेज सरकार के गजेटियर में धनगर अंकित है। ✓ सन् १८९१की जनगणना... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 18:2518:25, 15 जून 2020 अन्तर इतिहास −25 धनगरधनगर (DHANGAR) एक जाति है जो भारत के राज्य हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र ,उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड् व अन्य राज्यो में निवास करती है। धनगर (DHANGAR) जाति भारत के संविधान आदेश 1950 के अनुसार, अनुसूचित जाति की श्रेणी में आती है। जिसका मुख्य व्यवसाय भेड़ बकरियों को पालना और भेड़ की ऊन से कंबल बनकर बेचना रहा है। धनगर जाति भारत के कई राज्यों में पाई जाती है। धनगर समुदाय में जन्मी रानी अहिल्याबाई होल्कर की पूजा सभी धर्मों के लोग करते हैं। धनगर की आबादी उत्तर... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 18:2318:23, 15 जून 2020 अन्तर इतिहास +1,203 धनगरधनगर (DHANGAR) जाति भारत के संविधान आदेश 1950 के अनुसार, अनुसूचित जाति की श्रेणी में आती है। जिसका मुख्य व्यवसाय भेड़ बकरियों को पालना और भेड़ की ऊन से कंबल बनकर बेचना रहा है। धनगर जाति भारत के कई राज्यों में पाई जाती है। धनगर समुदाय में जन्मी रानी अहिल्याबाई होल्कर की पूजा सभी धर्मों के लोग करते हैं। धनगर की आबादी उत्तर प्रदेश में काफी अधिक है। अर्थात्, धनगर जाति का मुख्य व्यवसाय चरवाहा (shepherd) है। उत्तर प्रदेश के पश्चमी जिलों में धनगर(DHANGAR) जाति की आबादी काफी अधिक है। टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

27 जून 2019

  • 22:3022:30, 27 जून 2019 अन्तर इतिहास +3,628 वार्ता:धनगरआपको अवगत कराना है कि गडरिया और धनगर दोनों अलग-अलग जाति हैं तथा दोनों की उत्पत्ति का स्थान भी अलग अलग है दोनों के बीच कोई भी रोटी-बेटी एवं हुक्का-पानी का संबंध नहीं रहा है 1- गडरिया जाति की उत्पत्ति गंधार (अफगानिस्तान) से हुई है तथा मुस्लिम लोगो के संपर्क में रहने के कारण तथा भेड (गाडर) पालन करने के कारण गडरिया कहलाए जो पूर्व तथा दक्षिण दिशा को पलायन करते गए तथा वर्तमान उत्तर भारत में भेड़ बकरी पालन करने से गडरिया जाति के रूप में पहचान बना चुके थे। 2- मध्य भारत में भेड़ बकरी चरवाहा लोगों की प... टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 21:3021:30, 27 जून 2019 अन्तर इतिहास +224 धनगरआपको अवगत कराना है कि गडरिया और धनगर दोनों अलग-अलग जाति हैं तथा दोनों की उत्पत्ति का स्थान भी अलग अलग है दोनों के बीच कोई भी रोटी-बेटी एवं हुक्का-पानी का संबंध नहीं रहा है 1- गडरिया जाति की उत्पत्ति गंधार (अफगानिस्तान) से हुई है तथा मुस्लिम लोगो के संपर्क में रहने के कारण तथा भेड (गाडर) पालन करने के कारण गडरिया कहलाए जो पूर्व तथा दक्षिण दिशा को पलायन करते गए तथा वर्तमान उत्तर भारत में भेड़ बकरी पालन करने से गडरिया जाति के रूप में पहचान बना चुके थे। 2- मध्य भारत में भेड़ बकरी चरवाहा लोगों की प... टैग: References removed मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन