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16 फ़रवरी 2022
- 15:5515:55, 16 फ़रवरी 2022 अन्तर इतिहास +1,549 गुरु जम्भेश्वर No edit summary टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
11 अप्रैल 2021
- 17:0817:08, 11 अप्रैल 2021 अन्तर इतिहास +22 छो गुरु जम्भेश्वर No edit summary टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 16:5816:58, 11 अप्रैल 2021 अन्तर इतिहास +2,328 गुरु जम्भेश्वर →शिक्षा: “उणतीस धर्म की आंकड़ी, हृदय धरियो जोय। जाम्भोजी जी कृपा करी नाम विश्नोई होय ।” जाम्भोजी ने 29 नियम बताये थे जो निम्न प्रकार है :- 1. प्रतिदिन प्रात:काल स्नान करना। 2. 30 दिन जनन – सूतक मानना। 3. 5 दिन रजस्वता स्री को गृह कार्यों से मुक्त रखना। 4. शील का पालन करना। 5. संतोष का धारण करना। 6. बाहरी एवं आन्तरिक शुद्धता एवं पवित्रता को बनाये रखना। 7. तीन समय संध्या उपासना करना। 8. संध्या के समय आरती करना एवं ईश्वर के गुणों के बारे में चिंतन करना। 9. निष्ठा एवं प्रेमपूर्वक हवन करन... टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 16:4816:48, 11 अप्रैल 2021 अन्तर इतिहास +5 गुरु जम्भेश्वर →जीवन परिचय: 1542(सन्1485) में 34 वर्ष की अवस्था में बीकानेर जिले के समराथल धोरे पर कार्तिक वदी अष्टमी को पाहल बनाकर टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 16:4316:43, 11 अप्रैल 2021 अन्तर इतिहास +235 गुरु जम्भेश्वर →जीवन परिचय: 1542(सन्1485) में 34 वर्ष की अवस्था में बीकानेर जिले के समराथल धोरे पर कार्तिक वदी अष्टमी को पाहल बनाकर टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 16:3816:38, 11 अप्रैल 2021 अन्तर इतिहास +439 गुरु जम्भेश्वर 1542(सन्1485) में 34 वर्ष की अवस्था में बीकानेर जिले के समराथल धोरे पर कार्तिक वदी अष्टमी को पाहल बनाकर की। इस में सन् गलत था। टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन