Tantrik Rahasya के सदस्य योगदान

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2 जनवरी 2021

  • 11:1211:12, 2 जनवरी 2021 अन्तर इतिहास +1,737 सूर्य नमस्कारसूर्य नमस्कार की मान्यता किसी आसन या व्यायाम के अन्तर्गत नहीं है बल्कि अण्डज, पिण्डज, जंगम तथा स्थावर रूपी सृष्टि के सृजन, पालन तथा परिवर्तन की प्रक्रिया को संचालित करने वाले एवं सविता, सूर्य तथा मित्र आदि वैदिक नामों से सम्बोधित किये जाने वाले देवता भगवान सूर्य देव को कई शारीरिक मुद्राओं में नमन करने की क्रियाएँ हैं। जिस प्रकार मंत्रों के पूर्व में प्रायः प्रणव (ऊँ) को जोड़कर मंत्रों की रचना की गयी है, उसी प्रकार आसनों को करने के पूर्व सूर्य नमस्कार की क्रियाओं को करना यथेष्ट है. टैग: Reverted coi-spam यथादृश्य संपादिका

1 जनवरी 2021

  • 15:0415:04, 1 जनवरी 2021 अन्तर इतिहास +2,426 पंचमकारतंत्र साधना में सबसे रहस्यमयी बात पंचमकार को लेकर है। तंत्र साधना में सिद्धि के लिए तांत्रिक इन पंचमकारों का प्रयोग करते हैं जिसे आज भी समाज घृणित एवं त्याज्य मानता है। परन्तु तंत्र ग्रंथों के अनुसार पंचमकार के प्रयोग से ही शक्ति साधना सम्भव है। बिना पंचमकार के तंत्र के दुनियां में सिद्धि असम्भव है। तंत्र बड़ी ऊँची विद्या है। इसकी साधना भी बड़ी ही कठिन और गम्भीर है, और सबके बस की बात भी नहीं है। सभी को इसमें सफलता भी नहीं मिलती। तंत्र का अपना विज्ञान है। जो लोग इसके विज्ञान से भली भांति परिच... टैग: Reverted coi-spam यथादृश्य संपादिका

7 फ़रवरी 2020