"बौद्ध धर्म": अवतरणों में अंतर

बौद्ध देशों की सूची
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दस पारमिताओं का पूर्ण पालन करने वाला [[बोधिसत्व]] कहलाता है। बोधिसत्व जब दस बलों या भूमियों (मुदिता, विमला, दीप्ति, अर्चिष्मती, सुदुर्जया, अभिमुखी, दूरंगमा, अचल, साधुमती, धम्म-मेघा) को प्राप्त कर लेते हैं तब " [[बुद्ध]] " कहलाते हैं, बुद्ध बनना ही बोधिसत्व के जीवन की पराकाष्ठा है। इस पहचान को [[बोधि]] (ज्ञान) नाम दिया गया है। आधुनिक भारत में [[भारतीय संविधान]] के पिता [[आंबेडकर|डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर]] को [[बोधिसत्व]] कहते है। कहा जाता है कि बुद्ध शाक्यमुनि केवल एक बुद्ध हैं - उनके पहले बहुत सारे थे और भविष्य में और होंगे। उनका कहना था कि कोई भी बुद्ध बन सकता है अगर वह दस पारमिताओं का पूर्ण पालन करते हुए बोधिसत्व प्राप्त करे और बोधिसत्व के बाद दस बलों या भूमियों को प्राप्त करे। बौद्ध धर्म का अन्तिम लक्ष्य है सम्पूर्ण मानव समाज से दुःख का अंत। "मैं केवल एक ही पदार्थ सिखाता हूँ - दुःख है, दुःख का कारण है, दुःख का निरोध है, और दुःख के निरोध का मार्ग है" (बुद्ध)। बौद्ध धर्म के अनुयायी [[अष्टांगिक मार्ग]] पर चलकर न के अनुसार जीकर अज्ञानता और दुःख से मुक्ति और निर्वाण पाने की कोशिश करते हैं।
 
== विश्व के विभिन्न देशों में बौद्ध जनसंख्या की अधिकतम प्रतिशतता(%) ==
 
* [[लाओस]] ~ [[98 %]] (62 लाख)
* [[मंगोलिया]] ~ [[98 %]] (30 लाख)
* [[कंम्बोडियाकम्बोडिया]] ~ [[97 %]] (1.5 करोड़)
* [[जापान]] ~ [[96 %]] (12.3 करोड़)
* [[थाईलैण्ड]] ~ [[95 %]] (6.5 करोड़)
* [[ताइवान]] ~ [[95 %]] (2.2 करोड़)
* [[भूटान]] ~ [[94 %]]
* [[हांगकांग]] ~ [[93 %]] (65 लाख)
* [[चीन]] ~ [[91 %]] (1 अरब 22 करोड़)
* [[म्यान्मा]]र / [[बर्मा]] ~ [[90 %]] (4.5 करोड़)
* [[मकाउ]] ~ [[90 %]] (5.6 लाख)
* [[वियतनाम]] ~ [[85 %]] (7.5 करोड़)
* [[उत्तर कोरिया]] ~ [[73 %]] (1.8 करोड़)
* [[श्रीलंका]] ~ [[71 %]] (1.6 करोड़)
* [[तिबेटतिब्बत]] ~ [[70 %]]
* [[सिंगापुर]] ~ [[67 %]]
* [[ख्रिस्तमस् आईसलँड]] ~ [[67 %]]