"बौद्ध धर्म": अवतरणों में अंतर

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बौद्ध
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{{टिप्पणीसूची}}{{बौद्ध धर्म}}
'''बौद्ध धर्म''' [[भारत]] की [[श्रमण परम्परा]] से निकला [[धर्म]] और [[दर्शन]] है। इसके संस्थापक [[भगवान गौतम बुद्ध|भगवान बुद्ध]] थे। तथागत बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में [[लुंबिनी]], नेपाल में हुआ था और उनका महापरिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, [[भारत]] में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पाँच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फ़ैला और अगले दो हज़ार सालों में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फ़ैल गया। आज, हालाँकि बौद्ध धर्म में तीन सम्प्रदाय हैं: [[हीनयान]] या [[थेरवाद]], [[महायान]] और [[वज्रयान]], परन्तु हीनयान बौद्ध धर्म का प्रमुख सम्प्रदाय है और महायान सबडे बडा सम्प्रदाय है। आज दुनिया मेंके करीब [[180 करोड़]] से अधिक लोग [[बौद्ध धर्म]] के अनुयायी है, जो दुनिया की आबादी का '''25%''' हिस्सा है और यह दुनिया का '''दुसरा''' सबसे बड़ा धर्म है। {{कर्मठता}} बौद्ध लोग बहुत ही कर्मशील होते हैं. आज ''[[चीन]], [[जापान]], वियतनाम, थाईलैंड, म्यानमार, भूतान, श्रीलंका, कंबोडिया, मंगोलिया, तिबेट, लाओस, हॉंग कॉंग, तैवान, मकाउ, सिंगापूर, द.कोरिया और उ.कोरिया यह सभी [[बौद्ध देश]] है। भारत, नेपाल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, रशिया, ब्रुनेई, मलेशिया आदी देशों में भी लाखों और करोडों बौद्ध है।''
 
दस पारमिताओं का पूर्ण पालन करने वाला [[बोधिसत्व]] कहलाता है। बोधिसत्व जब दस बलों या भूमियों (मुदिता, विमला, दीप्ति, अर्चिष्मती, सुदुर्जया, अभिमुखी, दूरंगमा, अचल, साधुमती, धम्म-मेघा) को प्राप्त कर लेते हैं तब " [[गौतम बुद्ध]] " कहलाते हैं, बुद्ध बनना ही बोधिसत्व के जीवन की पराकाष्ठा है। इस पहचान को [[बोधि]] (ज्ञान) नाम दिया गया है। आधुनिक भारत में [[भारतीय संविधान]] के पिता [[आंबेडकर|डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर]] को [[बोधिसत्व]] कहते है। कहा जाता है कि बुद्ध शाक्यमुनि केवल एक बुद्ध हैं - उनके पहले बहुत सारे थे और भविष्य में और होंगे। उनका कहना था कि कोई भी बुद्ध बन सकता है अगर वह दस पारमिताओं का पूर्ण पालन करते हुए बोधिसत्व प्राप्त करे और बोधिसत्व के बाद दस बलों या भूमियों को प्राप्त करे। बौद्ध धर्म का अन्तिम लक्ष्य है सम्पूर्ण मानव समाज से दुःख का अंत। "मैं केवल एक ही पदार्थ सिखाता हूँ - दुःख है, दुःख का कारण है, दुःख का निरोध है, और दुःख के निरोध का मार्ग है" (बुद्ध)। बौद्ध धर्म के अनुयायी [[अष्टांगिक मार्ग]] पर चलकर न के अनुसार जीकर अज्ञानता और दुःख से मुक्ति और निर्वाण पाने की कोशिश करते हैं।
 
== विश्व के देशों में बौद्ध जनसंख्या प्रतिशत (%) में ==