"भीमराव आम्बेडकर": अवतरणों में अंतर

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प्रशंसक
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== अंबेडकर के विश्वविख्यात प्रशंसक ==
* ''जब [[भारतीय संसद]] में 1990 में डॉ. अंबेडकर के तैलचित्र का अनावरण हो रहा था तब, [[दक्षिण अफ्रीका]] के प्रथम अश्वेत भूतपूर्व राष्ट्रपति, मानवाधिंकारीमानवाधिकारी नेता तथा [[नोबेल शांति पुरस्कार]] प्राप्त [[नेल्सन मंडेला]] ने कहां था की'', '
<blockquote>हम डॉ. अंबेडकर के जीवन और कार्य से प्रेरणा लेकर अपना संघर्ष भी उन्हीं आधारों पर चलायेंगे जिन आधारों पर डॉ. अंबेडकर ने भारत में [[समाज]] परिवर्तन का प्रयत्न किया और सफलता पायी।'</ref></blockquote>
 
* ''[[अमेरिका]] जैसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपती एवं [[नोबेल शांति पुरस्कार]] प्राप्त [[बराक ओबामा]] ने [[भारतीय संसद]] को संबोधित करते हुए कहते है की'', '
<blockquote>हर व्यक्ती अपनी निहित क्षमता को हासिल कर सकता है। ठीक उसी तरह, जिस तरह एक दलित होने के बावजूद डॉ. अंबेडकर ने अपनी क्षमतानुरूप कार्य करते हुए, अपने आप को इतनी ऊंचाइयों पर उठाया और एक ऐसे [[संविधान]] का निर्माण किया जो सारे भारतीयों के अधिकारों की रक्षा करता है।'<ref>https://drambedkarbooks.com/2015/01/23/what-us-president-barack-obama-said-on-dr-b-r-ambedkar/</ref></ref></blockquote>
 
* [[मोहनदास करमचंद गांधी]], जिन्हें दुनिया ''[[महात्मा गांधी]] के नाम से जानती है, बाबासाहेब के के बारें में कहते है की'',
* ''[[महात्मा गांधी]] ने बाबासाहेब के बारें में कहा है की'', '<blockquote>डॉ. अंबेडकर एक ऐसे विद्वान है और सुविद्या [[वकिल]] भी है कि उनके सामनें अनकों को सर्मचार हो जाना पडता है। वे अपनी प्रचूर विद्वता से अनेकों के ह्रदयों को छूने का सामर्थ्य रखते है। उनके त्याग की परिसीमा बहुत व्यापक है, वे अपने कार्य में तहीनता के साथ डूब जाते है। वे चाहे तो कभी भी [[युरोप]] में जाकर बस सकते है, मगर वे उसकी चाहत नहीं रखते। अपने हरीजनों (दलितों) का उत्थान करना ही उनके जीवन का प्रमुख लक्ष्य रहा है। उन्हे बार बार शोषित एवं अछूत वर्ग के व्यक्ती होने के नाते ही संबोधित किया जाता है, लेकिन बुद्धिमत्ता की कसौटी पर वे हजारों सुशिक्षीत हिंदू विद्वानों से भी श्रेष्ठ दर्जे के विद्वान है। उनका निजी जीवन किसी भी उच्च दर्जे के निर्मल एवं स्वच्छ व्यक्ति से कम नहीं है। आज की तारिख में वे [[कानून]] के एक सुविख्यात [[विधिवेत्ता]] है, कल वे किसी भी [[उच्च न्यायालय]] के [[न्यायधीश]] भी बन सकते। दुसरें शब्दों में इस देश के शासन - प्रशासन में ऐसा कोई भी पद नहीं हैं, जिसपर वे आसीन न हो सकें।'</ref></blockquote>
 
''बाबासाहेब से अपनी पहली मुलाकात की समय के समय गांधी कहते हैं की,'' '</ref></blockquote>गोलमेज परिषद की रीपोर्टर्स से मैं जहांतक परिचीत हूं उससे मैं यह मानता हूं की आप (बाबासाहेब) एक सौ टक्के के स्टलींग योग्यता वाले देशभक्त है।'</ref></blockquote>
 
* भारत के प्रथम [[प्रधानमंत्री]] पंडित [[जवाहरलाल नेहरू]] बाबासाहेब की बुद्धिमत्ता एवं विद्वत्ता से वाईफ थे इसलिए वे अपने विदेशी मेहमानों से बाबासाहेब का परिचय देते हुए कहते थे की, '''</ref></blockquote>डॉ. अंबेडकर हमारें मंत्रिमंडल के कोहिनूर है।''' </ref></blockquote>
 
जब बाबासाहेब का [[महापरिनिर्वाण]] हुआ था तब जवाहरलाल नेहरू कहते है की, '''
<blockquote>डॉ. अंबेडकर को भारतीय [[हिन्दू]] समाज के तमाम अत्याचारी स्वरूपों के खिलाप एक विद्रोह के प्रतिक क् रूप में याद किया जायेगा। उन उत्याचारी स्वरूपों के खिलाप जो आवाज उन्होंने बुलंद की है, उससे लोगों के दिल-दिमागों को झकझोर कर जागृत कर दिला है। यद्यपी उन्हें एक विवादास्पद व्यक्ति के तौर पर जाना जाता हो लेकिन वास्तविकता यहीं हैं की उन्होंने देश के शासन प्रशासन के प्रत्येंक मुद्दो पर बगावत की है उन मुद्दों पर हर किसीने बगावत करनी चाहिए। डॉ. अंबेडकर इसलिए भारत के अति विशिष्ट लोगों में भी एक असामान्य एवं श्रेष्ठतम व्यक्तिमत्व थे।'''</ref></blockquote>
 
== संदर्भ ==