"प्रमुख धार्मिक समूह": अवतरणों में अंतर
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धर्म के हिसाब से जनसंख्या की जानकारी जनगणना और अन्य गणना के संयोजन रिपोर्ट द्वारा पाई जा सकती है (अमेरिका या [[फ़्रांस|फ्रांस]] जैसे देशों के जनगणना में धर्म डेटा एकत्र नहीं किए जाते हैं) लेकिन एजेंसियों या सर्वेक्षण के संचालन संगठनों के पूर्वाग्रह, जनसंख्या सर्वेक्षण एवं सवालों द्वारा व्यापक रूप से इसका परिणाम पाया जाता है। अनौपचारिक या असंगठित धर्मों की गणना करना विशेष रूप से कठिन कार्य है। कुछ संगठन बहुत तेजी से अपनी संख्या बढ़ सकते हैं।
चीन में धर्म जीवन पद्धति है, यह दर्शन है और आध्यात्म है। चीन की जनवादी सरकार आधिकारिक रूप से नास्तिक है मगर यह अपने नागरिकों को धर्म और उपासना की स्वतत्रता देती है। लेनिन व माओ के काल में धार्मिक विश्वासों और उनकी अनुपालना पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था। तमाम विहारों, मन्दिर, पेगोडा, मस्जिदों और चर्चों को अधार्मिक भवनों में बदल दिया गया था। 1970 के अन्त में जाकर इस नीति को शिथिल किया गया और लोगों को धार्मिक अनुसरण की इजाजत दी जाने लगी। 1990 के बाद से पूरे चीन में बौद्ध तथा ताओ मन्दिरों के पुनर्निर्माण का विशाल कार्यक्रम शुरू हुआ। 2007 में चीनी संविधान में एक नई धारा जोड़कर धर्म को नागरिकों के जीवन का महत्वपूर्ण तत्व स्वीकार किया गया। एक सर्वेक्षण के अनुसार चीन की 50 से 80 प्र.श. आबादी या 66 करोड़ से 1 अरब तक लोग बौद्ध हैं जबकि ताओ सिर्फ 30 प्र.श. या 40 करोड़ ही हैं। चूंकि अधिकांश चीनी दोनों धर्मों को मानते हैं इसलिये इन आंकड़ों में दोनों का समावेश हो सकता है। ईसाई चार से पांच करोड़ और इस्लाम को मानने वाले दो करोड़ के लगभग हैं अर्थात डेढ़ प्र.श.। बौद्ध धर्म को सरकार का मौन समर्थन प्राप्त है। दो वर्ष पूर्व सरकार ने ही यहां विश्व बौद्ध सम्मेलन का आयोजन किया था। चीनी सरकार ने भी अब कहां है की देश की आधी से अधिक जनसंख्या बौद्ध है।
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