"अशोक": अवतरणों में अंतर

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बौद्ध
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→‎साम्राज्य-विस्तार: सामाज्य विस्तार
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== साम्राज्य-विस्तार ==
[[चित्र:Maurya Dynasty in 265 BCE.jpg|thumb|right|300px| चक्रवर्ती सम्राट अशोक का साम्राज्य विस्तार]]
अशोक का ज्येष्ठ भाई सुशीम उस समय तक्षशिला का प्रांतपाल था। तक्षशिला में भारतीय-यूनानी मूल के बहुत लोग रहते थे। इससे वह क्षेत्र विद्रोह के लिए उपयुक्त था। सुशीम के अकुशल प्रशासन के कारण भी उस क्षेत्र में विद्रोह पनप उठा। राजा बिन्दुसार ने सुशीम के कहने पर राजकुमार अशोक को विद्रोह के दमन के लिए वहाँ भेजा। अशोक के आने की खबर सुनकर ही विद्रोहियों ने उपद्रव खत्म कर दिया और विद्रोह बिना किसी युद्ध के खत्म हो गया। हालाकि यहाँ पर विद्रोह एक बार फिर अशोक के शासनकाल में हुआ था, पर इस बार उसे बलपूर्वक कुचल दिया गया।
[[चित्र:Mauryan Empire Map.gif|thumb|right|अशोक का साम्राज्य]]
 
अशोक की इस प्रसिद्धि से उसके भाई सुशीम को सिंहासन न मिलने का खतरा बढ़ गया। उसने सम्राट बिंदुसार को कहकर अशोक को निर्वास में डाल दिया। अशोक कलिंग चला गया। वहाँ उसे मत्स्यकुमारी कौर्वकी से प्यार हो गया। हाल में मिले साक्ष्यों के अनुसार बाद में अशोक ने उसे तीसरी या दूसरी रानी बनाया था।
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/अशोक" से प्राप्त