"मौर्य राजवंश": अवतरणों में अंतर

[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
→‎शासकों की सूची: सम्राट अशोक
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 36:
चन्द्रगुप्त के बाद उसका पुत्र बिंदुसार सत्तारूढ़ हुआ पर उसके बारे में अधिक ज्ञात नहीं है। दक्षिण की ओर साम्राज्य विस्तार का श्रेय यदा कदा बिंदुसार को दिया जाता है हँलांकि उसके विजय अभियान का कोई साक्ष्य नहीं है। जैन परम्परा के अनुसार उसकी माँ का नाम दुर्धर था और पुराणों में वर्णित बिंदुसार ने २५ वर्षों तक शासन किया था। उसे ''अमित्रघात'' (दुश्मनों का संहार करने वाला) की उपाधि भी दी जाती है जिसे यूनानी ग्रंथों में ''अमित्रोचटस'' का नाम दिया जाता है। बिन्दुसर आजिवक धरम को मानता था। उसने एक युनानी शासक से सूखी अन्जीर, मीठी शराब व एक दार्शनिक की मांग की थी।{{cn}}
 
===चक्रवर्ती सम्राट अशोक ===
{{main|सम्राट अशोक}}
[[चित्र:Mauryan Empire Map.gif|thumb|left|अशोक का राज्य]]
 
सम्राट अशोक, भारत के ही नहीं बल्कि विश्व के इतिहास के सबसे महान शासकों में से एक हैं। साम्राज्य के विस्तार के अतिरिक्त प्रशासन तथा धार्मिक सहिष्णुता के क्षेत्र में भी उसकाउनका नाम [[अक़बर]] जैसे महान शासकों के साथ लिया जाता है। कुछहालांकी वे [[अकबर]] से बहूत शक्तिशाली एवं महान सम्राट रहे है। कई विद्वान तो उसेसम्राट अशोक को विश्व इतिहास काके सबसे सफल शासक भी मानते हैं। अपने राजकुमार के दिनों में उसनेउन्होंने [[उज्जैन]] तथा [[तक्षशिला]] के विद्रोहों को दबा दिया था। पर [[कलिंग की लड़ाई]] उसकेउनके जीवन में एक निर्णायक मोड़ साबित हुई और उसकाउनका मन युद्ध में हुए नरसंहार से ग्लानि से भर गया। उसनेउन्होंने [[बौद्ध धर्म]] अपना लिया तथा उसके प्रचार के लिए बहूत कार्य किया।किये। सम्राट अशोक को बॉद्धबौद्ध धर्म मे उपगुप्त ने दीक्षित किया था। उसनेउन्होंने देवानांप्रिय, प्रियदर्शी, जैसी उपाधि धारण की। सम्राट अशोक के शिलालेख तथा शिलोत्कीर्ण उपदेश [[भारतीय उपमहाद्वीप]] में जगह-जगह पाए गए हैं। उसने ''धम्म'' का प्रचार करने के लिए विदेशों में भी अपने प्रचारक भेजे। जिन-जिन देशों में प्रचारक भेजे गए उनमें [[सीरिया]] तथा पश्चिम एशिया का एंटियोकस थियोस, [[मिस्र]] का टोलेमी फिलाडेलस, [[मकदूनिया]] का एंटीगोनस गोनातस, [[साईरीन]] का मेगास तथा [[एपाईरस]] का एलैक्जैंडर शामिल थे। अपने पुत्र [[महेंद्र]] को उसनेउन्होंने राजधानी पाटलिपुत्र से [[श्रीलंका]] जलमार्ग से रवाना किया। पटना (पाटलिपुत्र) का ऐतिहासिक महेन्द्रू घाट उसी के नाम पर नामकृत है। युद्ध से मन उब जाने के बाद बीभी उसनेसम्राट अशोक ने एक बड़ी सेना को बनाए रखा था। ऐसा विदेशी आक्रमण से साम्राज्य के पतन को रोकने के लिए आवश्यक था।{{cn}}
 
== प्रशासन ==