"बौद्ध धर्म": अवतरणों में अंतर

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विश्व में [[लाओस]], [[कम्बोडिया]], [[भूटान]], [[थाईलैण्ड]], [[म्यान्मार|म्यानमार]] और [[श्रीलंका]] यह छह देश "अधिकृत" ''''बौद्ध देश'''' है, क्योंकी इन देशों के [[संविधान]]ों में बौद्ध धर्म को ‘राजधर्म’ या ‘राष्ट्रधर्म’ का दर्जा प्राप्त है।
 
== ‘भगवान’ काऔर अर्थ‘तथागत’ ==
;तथागत
तथागत [[पाली भाषा]] का शब्द है. तथागत मतलब यथाचारी, तथाचारी!
 
मतलब, ज्याप्रकार बोलना ठीक उसी प्रकार ही कृती या कर्म करना। [[गौतम बुद्ध|भगवान बुद्ध]] हे मानवों के क्षमता के बाहर कभी नहीं बोलते. तथागत जो जो बोलते है वो खुद के आचरण से प्रामाणिक करते थे और जो आचरण से प्रमाणित करते थे, वो ही वे बोलते थे. इसलिए भगवान बुद्ध को ‘तथागत’ इस नाम संबोधित किया जाता हैं।
 
;भगवान
बौद्ध धर्म में भगवान का अर्थ [[ईश्वर]] नहीं हैं। भगवान शब्द सबसे पहले बौद्ध ग्रंथो मिलता है, बाद में यह शब्द हिंदू ग्रंथो में अलग अर्थ से इस्तेमाल किया जाने लगा।
 
* भगवान का अर्थ:-
भग्ग + वान</br>
 
भग्ग -- भंजन (नष्ट) करना </be>
वान -- तृष्णा (वासना)
 
जिस मनुष्य ने जीवन में की सभी तृष्णांओ एवं वासनाओं का भंजन किया है,उस मनुष्य को ‘भगवान’ कहां जाता हैं।
 
''भग्ग रागो, भग्न मोहो, भग्ग दोसो अनासवो। भग्गस्स पापका धम्मा भगवातेन पाऊच्चित।।''
 
'''अर्थ''' — जिस मनुष्य ने राग, मोह, द्वेष एवं तृष्णा इनको नष्ट करके संपूर्ण जीवन अकुशल कर्म और चित्त का नाश किया हैं, उस कुशलकर्मी महापुरूष को ‘भगवान’ कहां जाता हैं। इसलिए बौद्ध अनुयायिओं बुद्ध को भगवान कहते हैं।
 
; बुद्ध
बुद्ध यह व्यक्ति का नाम अथवा पद नहीं हैं। वह मन की स्थिती या अवस्था का नाम हैं। मन की ऐसी अवस्था की, जो मानसिक विकास के अत्यच्च शिखरपर पहूची हुई हैं। बुद्ध मतलब जिसे सम्यक (अच्छा) संबोधी (ज्ञान) प्राप्त हुआ हैं, ऐसा सम्यक संबुद्ध की, जिसे परिपूर्ण ज्ञान प्राप्त हुआ हैं। जो खुद का और संपूर्ण विश्व कल्याण कर करता हैं। पाली भाषा में इसे सर्वज्ञ (अमर्यादित ज्ञानी) कहते हैं। बुद्ध मतलब अनंत आकाश की तरह अनंत ज्ञानी एवं महाकारूणिक.
 
== सन्दर्भ ==