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'''नवयान''' या '''भीमयान''' ([[अंग्रेजी]]: [[:en:Navayana|Navayana]] or '''Bhimyana''') भारत का प्रमुख बौद्ध धर्म का सम्प्रदाय हैं। नवयान का अर्थ है– नव = नया या शुद्ध, यान = मार्ग या वाहन। नवयान को भीमयान या आंबेडकरवाद भी कहते हैं। नवयानी बौद्ध अनुयायिओं को नवबौद्ध (नये बौद्ध) भी कहां जाता, क्योंकि वे छह दशक पूर्व ही बौद्ध बने हैं। नवयान को भीमयान नाम [[भीमराव आंबेडकर|डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर]] के मूल '''भीमराव''' से पडा हैं। यह सम्प्रदाय [[महायान]], [[थेरवाद]] और [[वज्रयान]] से पूर्णत अलग हैं किंतु इसमें इन तीनों सम्प्रदायों में से बुद्ध के मूल सिद्धांतो के साथ केवल विज्ञानवादी एवं तर्कशुद्ध सिद्धांत ही लिए गये हैं। इस सम्प्रदाय में किसी भी प्रकार का अंधविश्वास या कुरितीयों को कोई स्थान नहीं हैं। नवयान बौद्ध धर्म के सुरूवात या स्थापना [[बोधिसत्त्व]] बाबासाहेब डॉ. [[भीमराव आंबेडकर]] ने की थी। उन्होंने [[14 अक्टूबर]] [[1956]] को [[दीक्षाभूमि, नागपुर]] में अपने पांच लाख अनुयायिओं के साथ बौद्ध धर्म का अंगिकार किया था। इससे [[भारत में बौद्ध धर्म का पुनरूत्थान]] हुआ हैं।
 
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को बौद्ध धर्म स्विकार करने से पहले एक दिन पूर्व एक पत्रकार ने पूछा था की, ‘आप जो बौद्ध धर्म अपनाने वाले है वो [[महायान]] बौद्ध धर्म होगा या [[हीनयान]] बौद्ध धर्म ?’ उत्तर में बाबासाहेब ने कहां की, ‘‘मेरा बौद्ध धर्म न तो [[महायान]] होगा और न ही [[हीनयान]] होगां, इन दोनों संप्रदायों में कुछ अंधविश्वासी बातें हैं इसलिए मेरा ये बौद्ध धर्म ''नवयान बौद्ध धर्म'' होंगा। जिसमें किसी बुद्ध के मूल सिद्धांत और केवल विवेकवादी सिद्धांत ही होंगे, कोई भी कुरितीयों या अंधविश्वास नहीं होंगा। यह एक ‘शुद्ध बौद्ध धर्म’ होंगा।’’ पत्रकार ने फिर पूछां, “क्या हम इसे 'भीमयान' कह सकते हैं?” “आप कह सकते हैं, पर मैं नहीं कहूँगा।” डॉ. बाबासाहेब ने जबाब दिया।
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==धर्मग्रंथ==
;1. [[भगवान बुद्ध और उनका धम्म]]
यह ग्रंथ भारतीय बौद्ध अनुयायिओं का धर्म ग्रंथ हैं, जिसे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने लिखा हैं।
 
;2. भीमायन
यह डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के कार्य, जीवनी और आंदोलन को समर्पित हैं।<ref>http://navayana.org/blog/2015/01/27/bhimayana-in-hindi-for-just-rs-105/</ref>
 
; 3. नवयान<ref>http://www.bookganga.com/eBooks/Books/details/4857913598252139306</ref>
 
== सिद्धांत ==
“मैं<blockquote>मैं स्वीकार करता हूँ और बुद्ध की शिक्षाओं का पालन करूंगा। मैं हीनयान और महायान, दो धार्मिक आदेशों की अलग अलग राय से मेरे लोगों को दूर रखूंगा। हमारा बौद्ध धर्म एक नया बौद्ध धर्म, नवयान है।”है।|[[भीमराव आंबेडकर|डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर]]|शाम होटल, नागपुर में [[13 अक्टूबर]] [[1956]] को प्रेस साक्षात्कार<ref>https://web.archive.org/web/20110208224554/http://www.navayan.com/navayan.php?about-navayan</ref></blockquote>
 
== नव बौद्धों का विकास ==
- डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, शाम होटल, नागपुर में 13 अक्टूबर 1956 को प्रेस साक्षात्कार<ref>https://web.archive.org/web/20110208224554/http://www.navayan.com/navayan.php?about-navayan</ref>
 
== नव बौद्धों का विकास ==
दलितों को लगने लगा है कि हिंदू धर्म से बाहर निकलना उनके लिए बेहतर रास्ता हो सकता है क्योंकि बीते सालों में नवबौद्धों की हालत सुधरी है जबकि हिंदू दलितों की जिंदगी वोट बैंक के रूप संगठित होने के बावजूद ज्यादा नहीं बदली है. 125वी आंबेडकर जयंती पर रोहित वेमुला की मां और भाई ने भी [[बौद्ध धर्म]] स्वीकार किया है.
 
=== बौद्धों का जीवन सुधार <ref>http://www.buddhistchannel.tv/index.php?id=8,8475,0,0,1,0#.WFN-L8u3TqB</ref> ===
सन 2001 की जनगणना के मुताबिक देश में बौद्धों की जनसंख्या अस्सी लाख है जिनमें से अधिकांश बौद्ध (नवबौद्ध) यानि [[दलित|हिंदू दलितों]] से धर्म बदल कर बने हैं.
 
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इससे पता चलता हैं की, शोषितों एवं दलितों के मसिहा [[भीमराव आंबेडकर|डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर]] जी ने [[दलित|दलितों]] के उत्थान या प्रगती के लिए जो महान [[बौद्ध धर्म]] दिया था, ओ दलितों के पिडा हरने में सही साबीत हुआ हैं। हालांकी, आज दलितों के छोटे हिस्से ने ही बौद्ध धर्म अपनाया हैं, और ओ बौद्ध समूह हिंदू दलितों से बेहतर और सबसे बेहतर बन रहा हैं।
 
==जनसंख्या==
==अनुयानी==
भारतीय बौद्धों में 95% से अधिक नवयानी बौद्ध हैं। 2011 की भारतीय जनगनणा के अनुसार भारत में ‘अधिकृत’ बौद्ध करीब 85 लाख 0.7% हैं, लेकिन अन्य सर्वेक्षण और बौद्ध विद्वानों ने अनुसार भारत में 5% से 7% या 6 करोड़ से ८ करोड़ बौद्ध हैं।
==इन्हें भी देखें==
==सन्दर्भ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/नवयान" से प्राप्त