"बौद्ध धर्म": अवतरणों में अंतर
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== ‘भगवान’ और ‘तथागत’ ==
;तथागत
‘[[तथागत]]’ [[
मतलब,
;भगवान
बौद्ध धर्म में
;भगवान का अर्थ:-
भग्ग + वान = भगवान
* भग्ग -- भंजन (नष्ट) करना
* वान -- तृष्णा (वासना)
जिस मनुष्य ने जीवन में की सभी तृष्णांओ एवं वासनाओं का भंजन
<blockquote>''भग्ग रागो, भग्न मोहो, भग्ग दोसो अनासवो। भग्गस्स पापका धम्मा
'''अर्थ''' — जिस मनुष्य ने राग, मोह, द्वेष एवं तृष्णा इनको नष्ट करके संपूर्ण जीवन अकुशल कर्म और चित्त का नाश किया हैं, उस कुशलकर्मी महापुरूष को ‘भगवान’ कहां जाता हैं।
इसलिए बौद्ध अनुयायि बुद्ध या ‘गौतम बुद्ध’ को ‘भगवान बुद्ध ’ भी कहते है, लेकिन वास्तव में ‘'''बुद्ध'''’ ज्यादा गरिमापूर्ण नाम या शब्द संसार में नहीं है, इसलिए बुद्ध नाम के साथ ‘भगवान’ शब्द जोडकर ‘भगवान बुद्ध ’ कहना भी आवश्यक नहीं है।
; बुद्ध
बुद्ध यह व्यक्ति का नाम अथवा पद नहीं हैं। वह मन की स्थिती या अवस्था का नाम हैं। मन की ऐसी अवस्था की, जो मानसिक विकास के अत्यच्च शिखरपर पहूची हुई हैं। बुद्ध का मतलब जिसे सम्यक (अच्छा) संबोधी (ज्ञान) प्राप्त
== सन्दर्भ ==
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