"धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस": अवतरणों में अंतर

→‎इन्हें भी देखें: यह प्रथम बौद्ध त्यौहार है इसलिए बौद्ध त्यौहार की श्रेणी लगाई
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[[भारत]] में लुप्त हुए [[बौद्ध धर्म]] को लाखों की तादाद में अपनाकर डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर ने [[भारत में बौद्ध धर्म का पुनरुत्थान]] किया है और यह दिवस भारतीय बौद्ध इतिहास में महत्वपूर्ण बन गया। ‘अशोक विजयादशमी’ का दिन तिथि के अनुसार [[दशहरा|दशहरे]] के दिन मनाया जाता है और ‘धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस’ इस्वीसन दिनांक के अनुसार सालाना [[14 अक्टूबर]] को मनाया जाता है। वास्तव में यह एक ही त्यौहार के दो नाम है जिन्हें दिनांक और तिथि के अनुसार दो अलग अलग दिन भी मनाया जाता है।{{Cn}}
 
व्यापक रूप से यह त्यौहार दीक्षाभूमी, (नागपुर, महाराष्ट्र) में आयोजित किया जाता है। इसमें आंबेडकरवादी बौद्ध भाषण, भोजन और बौद्ध-थीम मनोरंजन के साथ समुदाय समारोह का आयोजन करते है। इस उत्सव में महाराष्ट्र के [[मुख्यमंत्री]], अन्य मंत्री और [[जापान]], [[चीन]], [[श्रीलंका]] जैसे कई देशों के बौद्ध विद्वान, [[भिक्खु]] एवं बौद्ध उपासक भी शामिल होते हैं। इस त्यौहार के दिन दीक्षाभूमि में 15 से 20 लाख से अधिक विश्वभर से बुद्ध अनुयायी शामिल होते है। यह त्यौहार भारत के बौद्ध विहारों में , बौद्ध नगर एवं बौद्ध इलाकों में भी मनाया जाता है।{{Cn}}<ref>त्रिरत्न विहार में धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस [http://m.dailyhunt.in/news/india/hindi/peoples+samachar-epaper-peoples/dhamm+chakr+pravartan+divas+manaya+gaya-newsid-59073733]</ref>
 
== संदर्भ ==