"धर्मांतरण": अवतरणों में अंतर

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इस्लामी कानून का पालन करने वाले कुछ इस्लामी देशों में धर्म-परिवर्तन गैर-कानूनी है और इसके लिये कड़ी सज़ा का प्रावधान है। इस्लामी कानून का पालन करने वाले अनेक इस्लामी देशों, [[सउदी अरब]], [[यमन|येमन]], [[अफ़्गानिस्तान|अफगानिस्तान]], [[पाकिस्तान]], [[मिस्र|ईजिप्त]], [[ईरान|इरान]], [[मालदीव]] में स्वधर्म-त्याग को गैर-कानूनी घोषित किया गया है और इस्लाम का त्याग करने वालों या अन्य मुस्लिमों को इसके लिये उकसाने वालों के लिये कारावास या मृत्यु-दण्ड का प्रावधान है।{{Citation needed|date=March 2011}} इसके अलावा, भारत के ओडिशा राज्य में प्रेरित धर्मांतरण के परिणामस्वरूप सांप्रदायिक दंगे हुए हैं।{{Citation needed|date=June 2010}}
 
==धर्मांतरण पर डॉ॰ आंबेडकर के विचार==
[[डॉ॰ भीमराव आंबेडकर]] ऐसा धर्म मानते थे जो स्वतंत्र्य, समानता और भाईचारे की शिक्षा देता हो। अगर कोई धर्म अपने ही अनुयायि को घ्रणा की नजर से देखता है तो वो धर्म धर्म नहीं! डॉ॰ आंबेडकर ने [[हिन्दू धर्म]] में रहकर देश के करोड़ो दलित, पिछडे एवं शोषित लोगों को समानता और स्वतंत्र्य का अधिकार दिलाना चाहिए। इस लिए वे करोड़ो समर्थकों के साथ धर्मांतर कर [[बौद्ध]] बने। उनकी नजर में यह धर्मांतर धर्मांतर नहीं बल्कि गुलामी की जंजिरे तोडने जैसा है। '''धर्मांतर क्यो?''' नामक पुस्तक भी उन्होंने लिखी है। डॉ॰ आंबेडकर की नजर में सभी नागरिक समान है, अगर यह सरल शिक्षा धर्म में नहीं तो वह धर्म त्यागना ही बेहतर रास्ता है, ऐसा उनका मानना है।
 
 
== धर्मांतरण पर गांधीजी के विचार ==