"जाति प्रथा का विनाश": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 1:
[[File: First edition of Annihilation of Caste.jpg|thumb| जाती प्रथा का विनाश का प्रथम अंक पृष्ठ]]
''' जाति प्रथा का विनाश ''' ([[इंग्रेजी]] : Annihilation of Caste) डॉ॰ भीमराव आंबेडकर द्वारा लिखे गये श्रेष्ठतम ग्रन्थों में एक प्रसिद्ध ग्रन्थ है। जातिप्रथा का विनाश यह [[अस्पृश्यता]] की अवधारणा के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले एक भारतीय राजनीतिज्ञ, एवं महान समाजसुधारक [[भीमराव अम्बेडकरआंबेडकर|बीडॉ॰ आरभीमराव अंबेडकरआम्बेडकर]] का 1936 में लिखा एक ऐसा भाषण है जिसको सार्वजनिक रूप से पढ़ने का मौका उन्हें नहीं मिला।<ref name="aoc2">{{Cite web|last=Arundhati Roy|title=The Doctor and the Saint|url=http://caravanmagazine.in/reportage/doctor-and-saint|work=caravanmagazine.in|accessdate=6 April 2014}}</ref> भाषण लाहौर के जात पात तोड़क मंडल की और से उनकी वार्षिक कान्फ्रेंस में उनको मुख्य भाषण करने के लिए न्यौता मिलने के बाद लिखा गया था। <ref name="Annihilating">{{Cite news|url=http://www.frontline.in/static/html/fl2815/stories/20110729281509500.htm|title=Annihilating caste|work=Frontline|date=16 July 2011|accessdate=22 March 2014}}</ref> जब डाक्टर साहब ने अपने प्रस्तावित भाषण को लिखकर भेजा तो ब्राहमणों[[ब्राह्मण]]ों के प्रभुत्व वाले जात-पात तोड़क मंडल के कर्ताधर्ता, काफी बहस मुबाहसे के बाद भी इतना क्रांतिकारी भाषण सुनने कौ तैयार नहीं हुए। शर्त लगा दी कि अगर भाषण में आयोजकों की मर्जी के हिसाब से बदलाव न किया जाए। अंबेडकरअाम्बेसडकर ने भाषण बदलने से मना कर दिया। और उस सामग्री को पुस्तक के रूप में 1,500 प्रतियां को मई 1936 को खुद छपवा दिया।<ref>{{Cite web|title=We Need Ambedkar--Now, Urgently...|url=http://www.outlookindia.com/article.aspx?289691|work=Outlook|publisher=The Outlook Group|accessdate=5 April 2014}}</ref>
 
== सन्दर्भ ==