"भीमराव आम्बेडकर": अवतरणों में अंतर
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<span style="color: red"> <blockquote>''[[शंकराचार्य]] के [[दर्शन]] के कारण हिन्दू समाज-व्यवस्था में जाति-संस्था और विषमता के बीज बोए गए। मैं इसे नकारता हूँ। मेरा सामाजिक दर्शन केवल तीन शब्दों में रखा जा सकता है। ये शब्द हैं — [[स्वतन्त्रता]], [[समता]] और [[बन्धुभाव]] । मैंने इस शब्दों को [[फ्रेंच राज्य क्रान्ति]] से उधार नहीं लिया है। मेरे दर्शन की जड़ें [[धर्म]] में हैं, [[राजनीति]] में नहीं। मेरे गुरु [[बुद्ध]] के व्यक्तित्व और कृतित्व से मुझे ये तीन मूल्य मिले हैं।''</blockquote>
=== स्वतन्त्र्यता ===
आंबेडकर मानव की [[स्वतन्त्रता]] में अहम विश्वास रखने वाले महापुरूष थे। क्रांतिकारी देशभक्त
=== समानता ===
आंबेडकर जी को
===बन्धुभाव===
डॉ॰ आंबेडकर [[बन्धुभाव]] या [[भाईचारा|भाईचारे]] के समर्थक थे। वे चाहते थे भारत के सभी समूहों बीच में भाईचारा रहे।
भीमराव आंबेडकर अहिंसा के पूजारी एवं सच्चे अहिंसक थे। उनकी अहिंसा की व्याख्या [[महात्मा गांधी]] के अहिंसा से अलग [[गौतम बुद्ध]] एवं [[संत तुकाराम]] के अंहिसा की तरह जैसी थी। उन्होंने अपने आन्दोलन में हिंसा नहीं की या न ही अनुयायीओं को इसका उपदेश किया। डॉ॰ आंबेडकर मानवतावाद एवं बौद्ध धर्म के उपासक थे, इसलिए अहिंसा में उन्हें विश्वास था।
===बौद्ध धर्म ===
बौद्ध धर्म द्वारा
===विज्ञानवाद===▼
भीमराव सत्यवादी थे, इसलिए उन्हें विज्ञान में विश्वास था।▼
▲===विज्ञानवाद===
▲===अहिंसा===
== भारतीय जीवन पर आंबेडकर बनाम गांधी ==
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