"भीमराव आम्बेडकर": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 239:
<span style="color: red"> <blockquote>''[[शंकराचार्य]] के [[दर्शन]] के कारण हिन्दू समाज-व्यवस्था में जाति-संस्था और विषमता के बीज बोए गए। मैं इसे नकारता हूँ। मेरा सामाजिक दर्शन केवल तीन शब्दों में रखा जा सकता है। ये शब्द हैं — [[स्वतन्त्रता]], [[समता]] और [[बन्धुभाव]] । मैंने इस शब्दों को [[फ्रेंच राज्य क्रान्ति]] से उधार नहीं लिया है। मेरे दर्शन की जड़ें [[धर्म]] में हैं, [[राजनीति]] में नहीं। मेरे गुरु [[बुद्ध]] के व्यक्तित्व और कृतित्व से मुझे ये तीन मूल्य मिले हैं।''</blockquote>
 
=== स्वतन्त्र्यता ===
===स्वतंत्र्यता===
आंबेडकर मानव की [[स्वतन्त्रता]] में अहम विश्वास रखने वाले महापुरूष थे। क्रांतिकारी देशभक्त डॉ.डॉ॰ भीमराव आंबेडकर को ब्रिटीशों से मुक्त भारत के अलावा देश के ९ करोड़ोकरोड़ (आज ३५ करोड़) शोषित, पिडीत एवं दलित लोगों की धार्मिक गुलामी से मुक्ती दिलाना चाहते थे। उन्हें भारत देश के साथ भारतीओं की स्वतंत्र्यता चाहिए थी। वे मनुष्य की स्वतंत्र्यता को सबसे बडी स्वतंत्र्यता मानते थे।
 
=== समानता ===
आंबेडकर जी को ‘समानता‘[[समानता]] का प्रतिक’ कहाँ जाता है। भीमराव नेउन्होंने अपने पुरे जीवन काल में देश के शोषित, पिडीत,पिडीतों एवं महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक क्षेत्र में समानता देने की बात कही है। भीमराव आंबेडकर की वजह से ही आज सबकोसब भारतीयों को समान अधिकार प्राप्त है।
 
===बन्धुभाव===
डॉ॰ आंबेडकर [[बन्धुभाव]] या [[भाईचारा|भाईचारे]] के समर्थक थे। वे चाहते थे भारत के सभी समूहों बीच में भाईचारा रहे।
 
=== अहिंसा= ==
भीमराव आंबेडकर अहिंसा के पूजारी एवं सच्चे अहिंसक थे। उनकी अहिंसा की व्याख्या [[महात्मा गांधी]] के अहिंसा से अलग [[गौतम बुद्ध]] एवं [[संत तुकाराम]] के अंहिसा की तरह जैसी थी। उन्होंने अपने आन्दोलन में हिंसा नहीं की या न ही अनुयायीओं को इसका उपदेश किया। डॉ॰ आंबेडकर मानवतावाद एवं बौद्ध धर्म के उपासक थे, इसलिए अहिंसा में उन्हें विश्वास था।
 
===भाईचारा===
भीमराव सच्चे अहिंसक थे, उन्होंने कभी कहीं भी अहिंसा नहीं की या अपने अनुयायीओं को इसका उपदेश किया। भीमराव भगवान बुद्ध के उपासक थे इसलिए वे समस्त मानवों के भाईचारा चाहते थे।
===बौद्ध धर्म ===
बौद्ध धर्म द्वारा भीमरावआंबेडकर ने करोड़ो के लिए मानवमुक्ती का रास्ता खोजा, क्योंकी बौद्ध धर्म मनुष्य की स्वतंत्र्यता, समानता, विज्ञानवाद, अहिंसा, प्रज्ञा एवं करूणा में विश्वास करता है। आज भारत के बौद्ध बने अनुयायी दलितों एवं हिंदुओं से साक्षरता, लिंग अनुपात, स्नातक, काम में आगे है।
===विज्ञानवाद===
भीमराव सत्यवादी थे, इसलिए उन्हें विज्ञान में विश्वास था।
===मानवतावाद===
 
===विज्ञानवाद===
===सत्य===
भीमरावआंबेडकर पुरोगामी एवं सत्यवादी थे, इसलिए उन्हें विज्ञान में विश्वास था।
===अहिंसा===
 
== भारतीय जीवन पर आंबेडकर बनाम गांधी ==