आम्बेडकर का जन्म ब्रिटिश भारत के मध्य भारत प्रांत (अब [[मध्य प्रदेश]] में) में स्थित नगर सैन्य छावनी [[महू]] में हुआ था।<ref>{{cite book |last=Jaffrelot |first=Christophe |title= Dr. Ambedkar and Untouchability: Fighting the Indian Caste System|year= 2005 |publisher= [[Columbia University Press]]|location=New York|isbn= 0-231-13602-1 | page=2}}</ref> वे रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की १४ वीं व अंतिम संतान थे।<ref name="Columbia">{{cite web| last = Pritchett| first = Frances| date = | url = http://www.columbia.edu/itc/mealac/pritchett/00ambedkar/timeline/1890s.html| title = In the 1890s| format = PHP| accessdate = 2006-08-02}}</ref> उनका परिवार [[मराठी|मराठी मूूल]] का था और वो [[आंबडवे]] गांव जो आधुनिक [[महाराष्ट्र]] के [[रत्नागिरी]] जिले में है, से संबंधित था।<ref>{{cite web|url=https://scroll.in/article/859984/whats-in-a-name-those-who-invoke-ambedkar-are-complicit-in-a-forgetting-much-like-gandhi|title=What’s in a name?: Those who invoke Ambedkar are complicit in a forgetting, much like Gandhi}}</ref> वे [[हिंदू]] [[महार]] जाति से संबंध रखते थे, जो [[अछूत]] कहेकही जातेजाती थेथी और इस कारण उनके साथ सामाजिक और आर्थिक रूप से गहरा भेदभाव किया जाता था। डॉ॰ भीमराव आम्बेडकर के पूर्वज लंबे समय तक ब्रिटिश [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] की सेना में कार्यरत थे और उनके पिता, [[भारतीय सेना]] की [[मऊमहू]] छावनी में सेवा में थे और यहां काम करते हुये वो [[सूबेदार]] के पद तक पहुँचे थे। उन्होंने [[मराठी]] और [[अंग्रेजी]] में औपचारिक शिक्षा प्राप्त की थी।{{citation needed}}
आम्बेडकर कोमैट्रीक की परीक्षा उतिर्ण होने पर केलुसकर गुरुजी उन्हे स्वयं की लिखी "भगवान बुद्ध का चरित्र" पुस्तक भेंट दी थी, इसे पढकर वे बचपन सेमें ही [[गौतम बुद्ध]] की शिक्षाओंशिक्षा नेसे प्रभावित किया था।हुए। अपनी जाति के कारण उन्हें इसके लिये सामाजिक प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा था। स्कूली पढ़ाई में सक्षम होने के बावजूद छात्र भीमराव को अस्पृश्यता के कारण अनेका प्रकार की कठनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। रामजी सकपाल ने स्कूल में अपने बेटे भीमराव का उपनाम ‘सकपाल' की बजाय ‘आंबडवेकर' लिखवाया था, क्योंकी [[कोकण]] प्रांत में लोग अपना उपनाम गांव के नाम से रखते थे, इसलिए आम्बेडकर के आंबडवे गांव से 'आंबडवेकर' उपनाम स्कूल में दर्ज किया। बाद में एक देवरुखे [[ब्राह्मण]] शिक्षक कृष्णा महादेव आम्बेडकर जो उनसे विशेष स्नेह रखते थे, ने उनके नाम से ‘अंबाडवेकर’ हटाकर अपना सरल ‘आम्बेडकर’ उपनाम जोड़ दिया।<ref>https://m.divyamarathi.bhaskar.com/news/MAH-MUM-ambedkars-teacher-family-saving-memories-of-ambedkar-5489831-NOR.html</ref> आज वे [[आंबेडकर|आम्बेडकर]] नाम से जाने जाते हैं।
रामजी आम्बेडकर ने सन [[१८९८]] में जिजाबाई से पुनर्विवाह कर लिया और परिवार के साथ [[मुंबई]] (तब बंबई) चले आये। यहाँ आम्बेडकर [[एल्फिंस्टोन रोड]] पर स्थित गवर्न्मेंट हाई स्कूल में, तथाकथिक "अछूत" समाज से संबंधित पहले छात्र बने।<ref name="Columbia2">{{cite web| last = Pritchett| first = Frances| date = | url = http://www.columbia.edu/itc/mealac/pritchett/00ambedkar/timeline/1900s.html| title = In the 1900s| format = PHP| accessdate = 2006-08-02}}</ref>