"भीमराव आम्बेडकर": अवतरणों में अंतर

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== मृत्यु ==
[[File:AnnalDr. Babasaheb Ambedkar Manimandapamas he passed away in his sleep at his residence 26, Alipore Road, New Delhi on 6 December 1956.jpg|thumb|right|300px|अन्नालबाबासाहेब आम्बेडकर मनिमंडपम,का चेन्नईमहापरिनिर्वाण]]
1948 से, आम्बेडकर [[मधुमेह]] से पीड़ित थे। जून से अक्टूबर 1954 तक वो बहुत बीमार रहे इस दौरान वो कमजोर होती दृष्टि से ग्रस्त थे।<ref name="Columbia7"/> राजनीतिक मुद्दों से परेशान आम्बेडकर का स्वास्थ्य बद से बदतर होता चला गया और 1955 के दौरान किये गये लगातार काम ने उन्हें तोड़ कर रख दिया। अपनी अंतिम पांडुलिपि [[भगवान बुद्ध और उनकेउनका धम्म]] को पूरा करने के तीन दिन के बाद 6 दिसम्बर 1956 को आम्बेडकर का महापरिनिर्वाण नींद में दिल्ली में उनके घर मे हो गया। [[7 दिसंबर]] को [[मुंबई]] में [[दादर]] [[चौपाटी समुद्र तट]] पर बौद्ध शैली मेमें अंतिम संस्कार किया गया जिसमें उनके लाखों समर्थकों, कार्यकर्ताओं और प्रशंसकों ने भाग लिया।<ref>{{Cite news|url=http://www.ambedkar.org/Babasaheb/lifeofbabasaheb.htm|title=Life of Babasaheb Ambedkar|deadurl=no|archiveurl=https://web.archive.org/web/20130525003618/http://www.ambedkar.org/Babasaheb/lifeofbabasaheb.htm|archivedate=25 May 2013|df=dmy-all}}</ref> उनके अंतिम संस्कार के समय उन्हें साक्षी रखकर उनके करीब 10,00,000 अनुयायीओं ने [[बौद्ध धर्म]] की दीक्षा ली थी, ऐसा विश्व इतिहास में पहिली बार हुआ।
[[File:Ambedkar.JPG|thumb|right|300px|पुणे संग्रहालय में भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा।]]
1948 से, आम्बेडकर [[मधुमेह]] से पीड़ित थे। जून से अक्टूबर 1954 तक वो बहुत बीमार रहे इस दौरान वो कमजोर होती दृष्टि से ग्रस्त थे। राजनीतिक मुद्दों से परेशान आम्बेडकर का स्वास्थ्य बद से बदतर होता चला गया और 1955 के दौरान किये गये लगातार काम ने उन्हें तोड़ कर रख दिया। अपनी अंतिम पांडुलिपि बुद्ध और उनके धम्म को पूरा करने के तीन दिन के बाद 6 दिसम्बर 1956 को आम्बेडकर का महापरिनिर्वाण नींद में दिल्ली में उनके घर मे हो गया। [[7 दिसंबर]] को [[मुंबई]] में [[दादर]] [[चौपाटी समुद्र तट]] पर बौद्ध शैली मे अंतिम संस्कार किया गया जिसमें उनके लाखों समर्थकों, कार्यकर्ताओं और प्रशंसकों ने भाग लिया। उनके अंतिम संस्कार के समय उन्हें साक्षी रखकर उनके करीब 10,00,000 अनुयायीओं ने [[बौद्ध धर्म]] की दीक्षा ली थी, ऐसा विश्व इतिहास में पहिली बार हुआ।
 
मृत्युपरांत आम्बेडकर के परिवार मे उनकी दूसरी पत्नी [[सविता आंबेडकर|सविता आम्बेडकर]] रह गयी थीं जो, जन्म से ब्राह्मण थीं पर उनके साथ ही वो भी धर्म परिवर्तित कर बौद्ध बन गयी थीं, तथा [[दलित बौद्ध आंदोलन]] में भीमराव के बाद (भीमराव के साथ) बौद्ध बनने वाली वह पहिली व्यक्ति थी। विवाह से पहले उनकी पत्नी का नाम डॉ॰ शारदा कबीर था। डॉ॰ सविता आम्बेडकर की एक बौद्ध के रूप में 29 मई सन 2003 में 94 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई<ref>http://www.thehindu.com/2003/05/30/stories/2003053002081300.htm</ref>, आम्बेडकर के पौत्र, [[प्रकाश यशवंत अम्बेडकर|प्रकाश यशवंत आम्बेडकर]], [[भारिपा बहुजन महासंघ]] का नेतृत्व करते है और भारतीय [[संसद]] के दोनों सदनों मे के सदस्य रह चुके है।