"भीमराव आम्बेडकर": अवतरणों में अंतर
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आम्बेडकर की एक सामाजिक-राजनीतिक सुधारक के रूप में विरासत का आधुनिक भारत पर गहरा असर हुआ है।<ref>{{cite book|first=Barbara R.|last=Joshi|title=Untouchable!: Voices of the Dalit Liberation Movement|url=https://books.google.com/books?id=y9CUItMT1zQC&pg=PA13|year=1986|publisher=Zed Books|pages=11–14|deadurl=no|archiveurl=https://web.archive.org/web/20160729072018/https://books.google.com/books?id=y9CUItMT1zQC&pg=PA13|archivedate=29 July 2016|df=dmy-all}}</ref><ref>{{cite book|first=D.|last=Keer|title=Dr. Ambedkar: Life and Mission|url=https://books.google.com/books?id=B-2d6jzRmBQC&pg=PA61|year=1990|publisher=Popular Prakashan|page=61|deadurl=no|archiveurl=https://web.archive.org/web/20160730015400/https://books.google.com/books?id=B-2d6jzRmBQC&pg=PA61|archivedate=30 July 2016|df=dmy-all}}</ref> स्वतंत्रता के बाद भारत में, उनके सामाजिक-राजनैतिक विचारों को पूरे राजनीतिक स्पेक्ट्रम में सम्मानित किया जाता है। उनकी पहल ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित किया है और आज जिस तरह से भारत सामाजिक, आर्थिक नीतियों और कानूनी प्रोत्साहनों के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक नीतियों, शिक्षा और सकारात्मक कार्रवाई में दिख रहा है, उसे बदल दिया है। एक विद्वान के रूप में उनकी प्रतिष्ठा ने उनकी स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री और संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति की। उन्होंने आजादी से व्यक्तिगत स्वतंत्रता में ज्यादा विश्वास किया और जातिरहित समाज की आलोचना की। हिंदू धर्म को जाति व्यवस्था की नींव होने के उनके आरोपों ने उन्हें सनातनी हिंदुओं के बीच विवादास्पद और अलोकप्रिय बनाया।<ref>{{cite book|first=Susan|last=Bayly|title=Caste, Society and Politics in India from the Eighteenth Century to the Modern Age|url=https://books.google.com/books?id=HbAjKR_iHogC&pg=PA259|year=2001|publisher=Cambridge University Press|page=259|deadurl=no|archiveurl=https://web.archive.org/web/20160801081134/https://books.google.com/books?id=HbAjKR_iHogC&pg=PA259|archivedate=1 August 2016|df=dmy-all}}</ref> बौद्ध धर्म के उनके रूपांतरण ने भारत और विदेशों में बौद्ध दर्शन के हित में पुनरुत्थान की शुरुआत हुई।<ref>{{cite book |last1=Naik |first1=C.D |title=Thoughts and philosophy of Doctor B.R. Ambedkar |edition=First |year=2003 |publisher=Sarup & Sons |location=New Delhi |isbn=81-7625-418-5 |oclc=53950941 |page=12 |chapter=Buddhist Developments in East and West Since 1950: An Outline of World Buddhism and Ambedkarism Today in Nutshell }}</ref>
सर्वप्रथम सप्टेंबर-अक्तुबर 1927 में आम्बेडकर के अनुयायियों द्वारा और बाद में भारतीय लोगों द्वारा आम्बेडकर को आदर एवं सन्मान से
कई सार्वजनिक संस्थानों
महाराष्ट्र सरकार ने [[लंदन]] में एक घर का अधिग्रहण कर लिया है, जहां 1920 के दशक में आम्बेडकर एक छात्र के रूप में रहते थे। इस घर को एक संग्रहालय-सह-स्मारक में परिवर्तित कर ‘डॉ॰ भीमराव रामजी आम्बेडकर आंतरराष्ट्रीय स्मारक' बनाया गया है। इस स्मारक उद्घाटन एवं लोकार्पण प्रधानमंत्री [[नरेन्द्र मोदी]] ने किया है।<ref>[http://www.hindustantimes.com/india/maharashtra-government-buys-br-ambedkar-s-house-in-london/story-y2c9YAdgdEOzUPWH1lcXHM.html Maharashtra government buys BR Ambedkar's house in London] {{webarchive|url=https://web.archive.org/web/20160425144149/http://www.hindustantimes.com/india/maharashtra-government-buys-br-ambedkar-s-house-in-london/story-y2c9YAdgdEOzUPWH1lcXHM.html |date=25 April 2016 }}, Hindustan Times, 27 August 2015.</ref>
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