"भीमराव आम्बेडकर": अवतरणों में अंतर

पंक्ति 177:
"व्हॉट काँग्रेस एंड गांधी हैव डन टू द अनटचेबल्स?" (काँग्रेस और गांधी ने अछूतों के लिये क्या किया?) इस किताब के साथ, आम्बेडकर ने गांधी और कांग्रेस दोनो पर अपने हमलों को तीखा कर दिया, उन्होंने उन पर ढोंग करने का आरोप लगाया।<ref name="Columbia6">{{cite web| last = Pritchett| first = Frances| date = | url = http://www.columbia.edu/itc/mealac/pritchett/00ambedkar/timeline/1940s.html| title = In the 1940s| format = PHP| accessdate = 2006-08-02}}</ref>
 
उन्होने अपनी पुस्तक ''हू वर द शुद्राज़?'' (शुद्र कौन थे?) के द्वारा हिंदू जाति व्यवस्था के पदानुक्रम में सबसे नीची जाति यानी शुद्रों के अस्तित्व मे आने की व्याख्या की।<ref>{{cite web|url=http://www.bbc.com/hindi/india/2015/04/150402_beef_ban_ambedkar_hindu_ate_cow_rd|title='प्राचीन काल में हिन्दू गोमांस खाते थे'}}</ref> उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि किस तरह से अछूत, शुद्रों से अलग हैं। आम्बेडकर ने अपनी राजनीतिक पार्टी को अखिल भारतीय अनुसूचित जाति फेडरेशन ([[शेड्युल्ड कास्ट फेडरेशन]]) में बदलते देखा, हालांकि 1946 में आयोजित भारत के संविधान सभा के लिए हुये चुनाव में इसने खराब प्रदर्शन किया। बाद में वह बंगाल जहां मुस्लिम लीग सत्ता में थी वहां से संविधान सभा में चुने गए थे। 1948 में हू वेयर द शुद्राज़? की उत्तरकथा ''द अनटचेबलस: ए थीसिस ऑन द ओरिजन ऑफ अनटचेबिलिटी'' (अस्पृश्य: अस्पृश्यता के मूल पर एक शोध) में आम्बेडकर ने हिंदू धर्म को लताड़ा।<span style="color: black"> <blockquote>हिंदू सभ्यता .... जो मानवता को दास बनाने और उसका दमन करने की एक क्रूर युक्ति है और इसका उचित नाम बदनामी होगा। एक सभ्यता के बारे मे और क्या कहा जा सकता है जिसने लोगों के एक बहुत बड़े वर्ग को विकसित किया जिसे... एक मानव से हीन समझा गया और जिसका स्पर्श मात्र प्रदूषण फैलाने का पर्याप्त कारण है?<ref name="Columbia6"/></blockquote></span>
 
आम्बेडकर [[इस्लाम]] और दक्षिण एशिया में उसकी रीतियों के भी बड़े आलोचक थे। उन्होने भारत विभाजन का तो पक्ष लिया पर मुस्लिमो मे व्याप्त बाल विवाह की प्रथा और महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की घोर निंदा की। उन्होंने कहा,