"भीमराव आम्बेडकर": अवतरणों में अंतर

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[[पाकिस्तान]] की मांग कर रहे [[मुस्लिम लीग]] के [[लाहौर संकल्पना|लाहौर रिज़ोल्यूशन]] (1940) के बाद, आम्बेडकर ने "[[थॉट्स ऑन पाकिस्तान]] नामक 400 पृष्ठों वाला एक पुस्तक लिखा, जिसने अपने सभी पहलुओं में "पाकिस्तान" की अवधारणा का विश्लेषण किया। इसमें उन्होंने [[मुस्लिम लीग]] की मुसलमानों के लिए एक अलग देश [[पाकिस्तान]] की मांग की आलोचना की। साथ ही यह तर्क भी दिया कि हिंदुओं को मुसलमानों के पाकिस्तान का स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने प्रस्तावित किया कि मुस्लिम और गैर-मुस्लिम बहुमत वाले हिस्सों को अलग करने के लिए [[पंजाब]] और [[बंगाल]] की प्रांतीय सीमाओं को फिर से तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने सोचा कि मुसलमानों को प्रांतीय सीमाओं को फिर से निकालने के लिए कोई आपत्ति नहीं हो सकती है। अगर उन्होंने किया, तो वे काफी "अपनी मांग की प्रकृति को समझ नहीं पाए"। विद्वान वेंकट ढलीपाल ने कहा कि थॉट्स ऑन पाकिस्तान ने "एक दशक तक भारतीय राजनीति को रोका"। इसने मुस्लिम लीग और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच संवाद के पाठ्यक्रम को निर्धारित किया, जो [[भारत का विभाजन|भारत के विभाजन]] के लिए रास्ता तय कर रहा था।<ref>{{citation |last=Sialkoti |first=Zulfiqar Ali |title=An Analytical Study of the Punjab Boundary Line Issue during the Last Two Decades of the British Raj until the Declaration of 3 June 1947 |journal=Pakistan Journal of History and Culture |volume=XXXV |number=2 |year=2014 |url=http://www.nihcr.edu.pk/Latest_English_Journal/Pjhc%2035-2,%202014/4%20Punjab%20Boundary%20Line,%20Zulfiqar%20Ali.pdf |p=73–76 |deadurl=no |archiveurl=https://web.archive.org/web/20180402094202/http://www.nihcr.edu.pk/Latest_English_Journal/Pjhc%2035-2,%202014/4%20Punjab%20Boundary%20Line,%20Zulfiqar%20Ali.pdf |archivedate=2 April 2018 |df=dmy-all }}</ref><ref>{{citation |last=Dhulipala |first=Venkat |title=Creating a New Medina |url=https://books.google.com/books?id=1Z6TBQAAQBAJ&pg=PR2 |date=2015 |publisher=Cambridge University Press |isbn=978-1-107-05212-3 |ref={{sfnref|Dhulipala, Creating a New Medina|2015}} |pp=124,&nbsp;134,&nbsp;142–144,&nbsp;149}}</ref>
 
"व्हॉट काँग्रेस एंड गांधी हैव डन टू द अनटचेबल्स?" (काँग्रेस और गांधी ने अछूतों के लिये क्या किया?) इस किताब के साथ, आम्बेडकर ने गांधी और कांग्रेस दोनो पर अपने हमलों को तीखा कर दिया, उन्होंने उन पर ढोंग करने का आरोप लगाया।<ref name="Columbia6">{{cite web| last = Pritchett| first = Frances| date = | url = http://www.columbia.edu/itc/mealac/pritchett/00ambedkar/timeline/1940s.html| title = In the 1940s| format = PHP| accessdate = 2006-08-02}}</ref>
 
उन्होने अपनी पुस्तक ''हू वर द शुद्राज़?'' (शुद्र कौन थे?) के द्वारा हिंदू जाति व्यवस्था के पदानुक्रम में सबसे नीची जाति यानी शुद्रों के अस्तित्व मे आने की व्याख्या की।<ref>{{cite web|url=http://www.bbc.com/hindi/india/2015/04/150402_beef_ban_ambedkar_hindu_ate_cow_rd|title='प्राचीन काल में हिन्दू गोमांस खाते थे'}}</ref> उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि किस तरह से अछूत, शुद्रों से अलग हैं। आम्बेडकर ने अपनी राजनीतिक पार्टी को अखिल भारतीय अनुसूचित जाति फेडरेशन ([[शेड्युल्ड कास्ट फेडरेशन]]) में बदलते देखा, हालांकि 1946 में आयोजित भारत के संविधान सभा के लिए हुये चुनाव में खराब प्रदर्शन किया। बाद में वह बंगाल जहां मुस्लिम लीग सत्ता में थी वहां से संविधान सभा में चुने गए थे।<ref 1948name="Firstpost में2015">{{cite हूweb वेयर| title=Attention शुद्राज़?BJP: कीWhen उत्तरकथाthe Muslim League rescued Ambedkar from the 'dustbin of history' अनटचेबलस| website=Firstpost | date=15 April 2015 |url=http://www.firstpost.com/india/attention-sanghis-when-the-muslim-league-rescued-ambedkar-from-the-dustbin-of-history-2196678.html | थीसिसaccessdate=5 ऑनSeptember 2015 ओरिजन| ऑफdeadurl=no अनटचेबिलिटी''| (अस्पृश्यarchiveurl=https://web.archive.org/web/20150920032027/http://www.firstpost.com/india/attention-sanghis-when-the-muslim-league-rescued-ambedkar-from-the-dustbin-of-history-2196678.html अस्पृश्यता| केarchivedate=20 मूलSeptember पर2015 एक| शोध)df=dmy-all में}}</ref> आम्बेडकर ने हिंदूबॉम्बे धर्मउत्तर कोमें लताड़ा।<span1952 style="color:के black">पहले <blockquote>हिंदूभारतीय सभ्यताआम ....चुनाव जोमें मानवताचुनाव कोलड़ा, दासलेकिन बनानेउनके पूर्व सहायक और उसकाकांग्रेस दमनपार्टी करनेके कीउम्मीदवार एकनारायण क्रूरकाजोलकर युक्तिसे हैहार औरगए। इसकाआम्बेडकर उचितराज्य नामसभा बदनामीका सदस्य बन गए, होगा।शायद एक सभ्यतानियुक्त सदस्य। उन्होंने भंडारा से 1954 के बारेउपचुनाव मेमें औरफिर क्यासे कहालोकसभा जामें सकताप्रवेश हैकरने जिसनेकी लोगोंकोशिश केकी, एकलेकिन बहुतवे बड़ेतीसरे वर्गस्थान कोपर विकसितरहे किया(कांग्रेस जिसे...पार्टी एकजीती)। मानव1957 सेमें हीनदूसरे समझाआम गयाचुनाव औरके जिसकासमय स्पर्शतक मात्रआम्बेडकर प्रदूषणकी फैलानेनिर्वाण का(मृत्यु) पर्याप्तहो कारणगया है?<ref name="Columbia6"/></blockquote></span>था।
 
उन्होने अपनी पुस्तक ''हू वर द शुद्राज़?'' (शुद्र कौन थे?) के द्वारा हिंदू जाति व्यवस्था के पदानुक्रम में सबसे नीची जाति यानी शुद्रों के अस्तित्व मे आने की व्याख्या की।<ref>{{cite web|url=http://www.bbc.com/hindi/india/2015/04/150402_beef_ban_ambedkar_hindu_ate_cow_rd|title='प्राचीन काल में हिन्दू गोमांस खाते थे'}}</ref> उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि किस तरह से अतिशुद्र (अछूत), शुद्रों से अलग हैं। 1948 में हू वेयर द शुद्राज़? की उत्तरकथा ''द अनटचेबलस: ए थीसिस ऑन द ओरिजन ऑफ अनटचेबिलिटी'' (अस्पृश्य: अस्पृश्यता के मूल पर एक शोध) में आम्बेडकर ने हिंदू धर्म को लताड़ा।<span style="color: black"> <blockquote>हिंदू सभ्यता .... जो मानवता को दास बनाने और उसका दमन करने की एक क्रूर युक्ति है और इसका उचित नाम बदनामी होगा। एक सभ्यता के बारे मे और क्या कहा जा सकता है जिसने लोगों के एक बहुत बड़े वर्ग को विकसित किया जिसे... एक मानव से हीन समझा गया और जिसका स्पर्श मात्र प्रदूषण फैलाने का पर्याप्त कारण है?<ref name="Columbia6"/></blockquote></span>
 
आम्बेडकर [[इस्लाम]] और दक्षिण एशिया में उसकी रीतियों के भी बड़े आलोचक थे। उन्होने भारत विभाजन का तो पक्ष लिया पर मुस्लिमो मे व्याप्त बाल विवाह की प्रथा और महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की घोर निंदा की। उन्होंने कहा,