"भीमराव आम्बेडकर": अवतरणों में अंतर

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==व्यक्तिगत जीवन==
[[File:Rajagriha, Bombay, February 1934. (L to R) Yashwant, BR Ambedkar, Ramabai, Laxmibai, Mukundrao, and Tobby.jpg|thumb|right|300px|फरवरी 1934 में मुम्बई के अपने घर [[राजगृह, घर|राजगृह]] में अपने परिवार के सदस्यों के साथ आम्बेडकर। बाएं से - यशवंत (बेटे), डॉ॰ आम्बेडकर, रमाबाई (पत्नी), लक्ष्मीबाई (उनके बड़े भाई बलराम की पत्नी), मुकुंद (भतीजे) और आम्बेडकर का पसंदीदा कुत्ता, टोबी।]]
 
आम्बेडकर के दादा नाम मालोजी सकपाल था, तथा का पिता नाम रामजी सपकाल और माता का नाम भीमाबाई थी। 1906 में आम्बेडकर जब पाँच वर्ष के थे तब उनकी माँ की मृत्यू हुई थी। इसलिए उन्हें बुआ मीराबाई संभाला था, जो उनके पिता की बडी बहन थी। मीराबाई के कहने पर रामजी ने जीजाबाई से पुनर्विवाह कर दिया, ताकि बालक भीमराव को माँ का प्यार मिल सके।
 
आम्बेडकर जब पाँचवी अंग्रेजी कक्षा पढ रहे थे, तब उनकी शादी [[रमाबाई आम्बेडकर| रमाबाई]] से हुई। रमाबाई और भीमराव को पाँच बच्चे भी हुए - जिनमें चार पुत्र तथा एक पुत्री थी।
आम्बेडकर तीन महान व्यक्तियों को अपना [[गुरु]] मानते थे। उनके पहले गुरु थे [[तथागत]] [[गौतम बुद्ध]], दूसरे थे [[संत]] [[कबीर]] और तीसरे गुरु थे [[महात्मा]] [[ज्योतिबा फुले]]।<ref>[https://hindi.news18.com/news/nation/important-facts-about-baba-sahib-bheem-rao-ambedkar-1188525.html जाने कैसे बाबा साहेब ने बुद्ध के तीन सूत्रों को लोकप्रिय नारों में बदल दिया]</ref>