"भीमराव आम्बेडकर": अवतरणों में अंतर

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===बहिष्कृत भारत===
मूकनायक के बंद हो जाने के बाद कम समय में आम्बेडकर ने 3 अप्रैल 1924 को दूसरा मराठी पाक्षिक "बहिष्कृत भारत" निकाला। इसका संपादन डॉ॰ आम्बेडकर खुद करते थे। यह पत्र बाम्बे से प्रकाशित होता था। इसके माध्यम से वे अस्पृश्य समाज की समस्याओं और शिकायतों को सामने लाने का कार्य करते थे तथा साथ ही साथ अपने आलोचकों को जवाब भी देने का कार्य करते थे। इस पत्र के एक सम्पादकीय में उन्होंने लिखा कि यदि [[बाल गंगाधर तिलक]] अछूतों के बीच पैदा होते तो यह नारा नहीं लगाते कि "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है" बल्कि वह यह कहते कि "छुआछूत का उन्मूलन मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है।" इस पत्र ने भी दलित जागृति का महत्वपूर्ण कार्य किया। इस अखबार के शीर्ष भागों पर संत [[ज्ञानेश्वर]] के वचन थे। इस पाक्षिक के कुल 34 अंक निकाले गये। आर्थिक कठनाईओं कारण यह नवम्बर 1929 को बंद हो गया।
3 अप्रैल 1924 में उन्होंने "बहिष्कृत भारत" पाक्षिक शुरू किया। इस पाक्षिक के कुल 34 अंक निकाले गये। आर्थिक कठनाईओं कारण यह अखबार नवम्बर 1929 को बंद हो गया। इस अखबार के शीर्ष भागों पर संत [[ज्ञानेश्वर]] के वचन थे।
 
===समता===