"भीमराव आम्बेडकर": अवतरणों में अंतर

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===जनता===
''समता'' पत्र बंद होने के बाद आम्बेडकर ने इसका पुनःप्रकाशन ‘जनता’ के नाम से किया। 24 फरवरी 1930 को आम्बेडकर ने "जनता"इस पाक्षिक शुरूका किया।पहला अंक प्रकाशित हुआ। 31 अक्टुबर को 1930 यह [[साप्ताहिक]] बना।बन गया। 1944 में, बाबासाहेब ने इसमें "आम्ही शासनकर्ती जमात बनणार" (हिंदी: हम शासनकर्ता वर्ग बनेंगे) इस शीर्षक से प्रसिद्ध लेख लिखा। इस पत्र के माध्यम से आम्बेडकर ने दलित समस्याओं को उठाने का बखूबी कार्य किया।फरवरी 1956 तक जनताकुल 26 साल तक यह पत्र चलता रहा।
 
===प्रबुद्ध भारत===