"भीमराव आम्बेडकर": अवतरणों में अंतर
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हर साल २० लाख से अधिक लोग उनकी [[आंबेडकर जयंती|जयंती]] (14 अप्रैल), महापरिनिर्वाण यानी पुण्यतिथि (6 दिसम्बर) और [[धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस]] (14 अक्टूबर) को [[चैत्यभूमि]] (मुंबई), [[दीक्षाभूमि]] (नागपूर) तथा [[भीम जन्मभूमि]] ([[महू]]) में उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इकट्ठे होते हैं।<ref>{{Cite news|url=http://www.dnaindia.com/mumbai/report_tributes-paid-to-br-ambedkar-followers-throng-chaityabhoomi_1622263|title=Homage to Dr Ambedkar: When all roads led to Chaityabhoomi|deadurl=no|archiveurl=https://web.archive.org/web/20120324024710/http://www.dnaindia.com/mumbai/report_tributes-paid-to-br-ambedkar-followers-throng-chaityabhoomi_1622263|archivedate=24 March 2012|df=dmy-all}}</ref> यहाँ हजारों किताबों की दुकान स्थापित की गई हैं, और किताबें बेची जाती हैं। आम्बेडकर का उनके अनुयायियों को संदेश था – "शिक्षित बनो, संघटित बनो, संघर्ष करो"।<ref>{{cite book |last=Ganguly |first=Debanji |title=Caste, Colonialism and Counter-Modernity: : notes on a postcolonial hermeneutics of caste |year=2005 |publisher=Routledge |location=Oxon|page=172 |isbn=0-415-34294-5 |pages=172–173 |chapter=Buddha, bhakti and 'superstition': a post-secular reading of dalit conversion }}</ref>
==व्यक्तिगत जीवन==
[[File:Rajagriha, Bombay, February 1934. (L to R) Yashwant, BR Ambedkar, Ramabai, Laxmibai, Mukundrao, and Tobby.jpg|thumb|right|300px|फरवरी 1934 में मुम्बई के अपने घर [[राजगृह, घर|राजगृह]] में अपने परिवार के सदस्यों के साथ आम्बेडकर। बाएं से - यशवंत (बेटे), डॉ॰ आम्बेडकर, रमाबाई (पत्नी), लक्ष्मीबाई (उनके बड़े भाई बलराम की पत्नी), मुकुंद (भतीजे) और आम्बेडकर का पसंदीदा कुत्ता, टोबी।]]
आम्बेडकर के दादा नाम मालोजी सकपाल था, तथा का पिता नाम रामजी सपकाल और माता का नाम भीमाबाई थी। 1906 में आम्बेडकर जब पाँच वर्ष के थे तब उनकी माँ की मृत्यू हुई थी। इसलिए उन्हें बुआ मीराबाई संभाला था, जो उनके पिता की बडी बहन थी। मीराबाई के कहने पर रामजी ने जीजाबाई से पुनर्विवाह कर दिया, ताकि बालक भीमराव को माँ का प्यार मिल सके। [[प्रकाश आम्बेडकर|प्रकाश]], [[आनंदराज आंबेडकर|आनंदराज]] तथा भीमराव यह तिनों यशवंत आम्बेडकर के पुत्र हैं।
आम्बेडकर जब पाँचवी अंग्रेजी कक्षा पढ रहे थे, तब उनकी शादी [[रमाबाई आम्बेडकर| रमाबाई]] से हुई। रमाबाई और भीमराव को पाँच बच्चे भी हुए - जिनमें चार पुत्र: यशवंत, रमेश, गंगाधर, राजरत्न और एक पुत्री: इन्दु थी। किंतु 'यशवंत' को छोड़कर सभी संतानों की बचपन में ही मृत्यु हो गई थीं।
आम्बेडकर ने कहां है की, उनका जीवन तीन गुरुओं और तीन उपास्यों से बना है। उन्होंने जिन तीन महान व्यक्तियों को अपना [[गुरु]] माना जिसमे उनके पहले गुरु थे [[तथागत]] [[गौतम बुद्ध]], दूसरे थे [[संत]] [[कबीर]] और तीसरे गुरु थे [[महात्मा]] [[ज्योतिराव गोविंदराव फुले|ज्योतिराव फुले]]। तथा उनके तीन उपास्य (देवता) थे — ज्ञान, स्वाभिमान और शील।<ref>{{Cite web|url=https://hindi.news18.com/news/nation/important-facts-about-baba-sahib-bheem-rao-ambedkar-1188525.html|title=जाने कैसे बाबा साहेब ने बुद्ध के तीन सूत्रों को लोकप्रिय नारों में बदल दिया– News18 हिंदी|date=6 दिस॰ 2017|website=News18 India|accessdate=25 अप्रैल 2019}}</ref><ref>{{Cite web|url=http://www.jansatta.com/sunday-column/ambedkar-statue-at-sppu-univ-shows-new-clay-model-to-critics-before-casting-bronze/90463/|title=दलित विमर्शः फुले-आंबेडकर की विरासत|date=1 मई 2016|website=Jansatta|accessdate=25 अप्रैल 2019}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.nationalindianews.in/dr-br-ambedkar/|title=मेरा जीवन तीन गुरुओं और तीन उपास्यों से बना है- बाबासाहब डॉ बीआर अम्बेडकर|accessdate=25 अप्रैल 2019}}</ref><ref>{{Cite web|url=http://sainimali.com/jyotibaPhule.aspx|title=Jyotiba Phule|website=sainimali.com|accessdate=25 अप्रैल 2019}}</ref>
==आम्बेडकरवाद==
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