"भीमराव आम्बेडकर": अवतरणों में अंतर

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राजनीतिक जीवन: राजनीतिक कैरियर
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==राजनीतिक जीवन==
[[File:Dr. Babasaheb Ambedkar delivering a speech.jpg|thumb|भाषण करते हुए आम्बेडकर]]
आंबेडकर का राजनीतिक कैरियर 1926 में शुरू हुआ और 1956 तक वो राजनीतिक क्षेत्र में विभिन्न पदों पर रहे। दिसंबर 1926 में, बॉम्बे के गवर्नर ने उन्हें बॉम्बे विधान परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया; उन्होंने अपने कर्तव्यों को गंभीरता से लिया, और अक्सर आर्थिक मामलों पर भाषण दिये। वे 1936 तक बॉम्बे लेजिस्लेटिव काउंसिल के सदस्य थे।<ref>{{Cite book|title=Dr. Bhimrao Ramji Ambedkar (Vol. 7)|last=Khairmode|first=Changdev Bhawanrao|publisher=Maharashtra Rajya Sahilya Sanskruti Mandal, Matralaya|year=1985|isbn=|location=Mumbai|pages=273|language=Marathi}}</ref><ref>{{Cite web|url=http://www.ambedkar.org/ambcd/13A.%20Dr.%20Ambedkar%20in%20the%20Bombay%20Legislature%20PART%20I.htm|title=13A. Dr. Ambedkar in the Bombay Legislature PART I}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://books.google.com/books?id=AeGQ8Bnn3XwC&pg=PA231&lpg=PA231&dq=In+1926,+Ambedkar+was+appointed+as+a+member+of+the+Bombay+Legislature&source=bl&ots=by41UAOG17&sig=ACfU3U3_d32QkngHTej8KecSCmneqml_tw&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwilwPjQkOnjAhUjH48KHUgDAL4Q6AEwEnoECAoQAQ#v=snippet&q=Dec.+1926+the+Bombay+Legislative+Council&f=false|title=Ambedkar and His Writings: A Look for the New Generation|first=Raj|last=Kumar|date=9 August 2008|publisher=Gyan Publishing House|via=Google Books}}</ref><ref>http://www.columbia.edu/itc/mealac/pritchett/00ambedkar/timeline/1920s.html></ref>
 
[[१३ अक्टूबर|13 अक्टूबर]] [[1935]] को, आम्बेडकर को सरकारी लॉ कॉलेज का प्रधानचार्य नियुक्त किया गया और इस पद पर उन्होने दो वर्ष तक कार्य किया। उन्होंने [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] के रामजस कॉलेज के संस्थापक श्री राय केदारनाथ की मृत्यु के बाद इस कॉलेज के गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।<ref>http://thecampusconnect.com/7-interesting-historical-facts-about-ramjas-college-university-of-delhi/{{dead link|date=अप्रैल 2018 |bot=InternetArchiveBot |fix-attempted=yes }}</ref> आम्बेडकर बम्बई (अब मुम्बई) में बस गये, उन्होंने यहाँ एक तीन मंजिला बडे़ घर '[[राजगृह]]' का निर्माण कराया, जिसमें उनके निजी पुस्तकालय में 50,000 से अधिक पुस्तकें थीं, तब यह दुनिया का सबसे बड़ा निजी पुस्तकालय था।<ref name="Columbia5">{{cite web| last = Pritchett| first = Frances| date = | url = http://www.columbia.edu/itc/mealac/pritchett/00ambedkar/timeline/1930s.html| title = In the 1930s| format = PHP| accessdate = 2 अगस्त 2006}}</ref> इसी वर्ष २७ मई १९३५ को उनकी पत्नी रमाबाई की एक लंबी बीमारी के बाद मृत्यु हो गई। रमाबाई अपनी मृत्यु से पहले तीर्थयात्रा के लिये [[पंढरपुर]] जाना चाहती थीं पर आम्बेडकर ने उन्हे इसकी इजाज़त नहीं दी। आम्बेडकर ने कहा की उस हिन्दू तीर्थ में जहाँ उनको अछूत माना जाता है, जाने का कोई औचित्य नहीं है, इसके बजाय उन्होंने उनके लिये एक नया पंढरपुर बनाने की बात कहीं।