"सत्संग": अवतरणों में अंतर
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== सन्दर्भ ==
{{reflist}}[https://bhajansimran.com/satsang-kyu-kare/ सत्संग का अर्थ] –“है ” का संग ,अर्थात जो उपस्तिथ है ,उसका संग |सत्संग के लिए आबश्यक कार्य को पूरा करना और अनाबश्यक कार्य का तियाग करना अनिवार्य है |श्रमरहित होने पर जो आगे पीछे का चिंतन होता है | कैसे अन्य चिंतन से व्यर्थ -चिंतन का नाश नहीं होता |अचिन्त्यः हो जाना चाहिए |साधक को “करने ” और “होने ” से असंग हो जाने और जो “है” उसमे अबिचल आस्था हो जाएगी |
[[श्रेणी:भारतीय दार्शनिक अवधारणाएँ]]
[[श्रेणी:संस्कृत शब्द और वाक्यांश]]
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